New Delhi : विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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नई दिल्ली : (New Delhi) उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने नीतीश कटारा हत्याकांड मामले (Nitish Katara murder case) में सजायाफ्ता विकास यादव को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने विकास यादव से कहा कि वो दिल्ली उच्च न्यायालय जाएं।

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) की ओर से दी गई अंतरिम जमानत 9 सितंबर को खत्म हो रही है। सुनवाई के दौरान विकास यादव के वकील एस. गुरुकृष्णा कुमार ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए चार दिन अंतरिम जमानत बढ़ा दी जाए, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस अर्जी को नामंजूर कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसके लिए ये ठीक नहीं है कि वो उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करे।

सुनवाई के दौरान नीतीश कटारा के वकील वृंदा भंडारी (lawyer Vrinda Bhandari) ने कहा कि नीतीश कटारा 24 अप्रैल से अंतरिम जमानत पर हैं। उन्होंने कहा कि किसी दोषी को विशेष तरजीह नहीं देना चाहिए, उन्हें सरेंडर करना चाहिए और दूसरे दोषियों की तरह ही फरलो के लिए अर्जी देनी चाहिए। दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को विकास यादव की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने 3 अक्टूबर, 2016 को विकास यादव की सजा उम्रकैद से घटाकर 25 साल कर दी थी। विकास यादव यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा (son of UP’s strongman DP Yadav) है। 17 फरवरी, 2002 को नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी। नीतीश कटारा का विकास यादव की बहन भारती यादव के साथ प्रेम संबंध था। यह प्रेम संबंध यादव परिवार को मंजूर नहीं था।