New Delhi : जेन स्ट्रीट के खिलाफ सख्त एक्शन, स्टॉक मार्केट में कारोबार पर लगी रोक

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नई दिल्ली : (New Delhi) मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India) (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेन स्ट्रीट (US trading platform Jane Street) और इससे जुड़ी एंटिटीज के भारतीय शेयर बाजार में एंट्री करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सेबी के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि वो जेन स्ट्रीट से 48.4 अरब रुपये यानी लगभग 570 मिलियन डॉलर की राशि जब्त करेगा। सेबी का कहना है कि ये राशि जेन स्ट्रीट ने अवैध रूप से अर्जित की गई की है। जेन स्ट्रीट को ये पैसा एक एस्क्रो एकाउंट में जमा करना होगा। मार्केट रेगुलेटर के फैसले से अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म को जबरदस्त झटका लगा है। जेन स्ट्रीट ने पिछले साल भारत में इक्विटी डेरिवेटिव्स से 2.30 अरब डॉलर से अधिक का नेट रेवेन्यू हासिल किया था।

सेबी के अंतिम आदेश में कहा गया है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप (Jane Street Group) की कंपनियों को भारतीय सिक्योरिटी मार्केट में कारोबार करने से रोक दिया गया है और उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज को खरीदने, बेचने या अन्य तरीके से लेनदेन करने से भी प्रतिबंधित किया गया है। सेबी के आदेश में बताया गया है कि बैंकों को भी ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों द्वारा खोले गए खातों से भी सेबी की अनुमति के बिना कोई डेबिट ना किया जाए। मार्केट रेगुलेटर का ये आदेश जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों द्वारा व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से खोले गए सभी खातों के संबंध में जारी किया गया है।

बताया जा रहा है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ मार्केट रेगुलेटर सेबी को कई शिकायतें मिली थी। इन शिकायतों में बताया गया था कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों ने भारतीय स्टॉक मार्केट में हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करके करीब 4,843 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। आरोप है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों ने भारतीय स्टॉक मार्केट (Indian stock market) में गलत तरीके से मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग स्ट्रेटजी अपनाई। सेबी के पास इस बात की भी शिकायत आई थी कि मार्केट में असामान्य तरीके से उतार चढ़ाव कराया जा रहा है। सेबी के सर्विलांस सिस्टम ने भी इस गड़बड़ी के संकेत दिए थे।

जेन स्ट्रीट ग्रुप भारत में अपनी तीन सब्सिडियरी जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड (Jane Street Asia Trading Limited) (JSATL), जेन स्ट्रीट इंडिया ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (Jane Street India Trading Private Limited) (JSITPL) और जेन स्ट्रीट एशिया एलएलसी (Jane Street Asia LLC) (JSALLC) के जरिए कारोबार करता था। ये तीनों कंपनियां भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

सेबी की जांच में पता चला था कि ये तीनों कंपनियां इंडियन स्टॉक मार्केट (Indian stock market) में मिलकर ट्रेडिंग पोजीशन लेती थीम और एल्गोरिदम बेस्ड स्ट्रेटजी का इस्तेमाल कर मार्केट को मैनिपुलेट करती थीं। ये तीनों कंपनियां निफ्टी और बैंक निफ्टी जैसे इंडेक्स डेरिवेटिव्स के फ्यूचर्स और ऑप्शंस में पोजीशन लेती थीं। इनमें एक कंपनी सेल पोजीशन (बिकवाल की भूमिका) लेती थीं तो दूसरी कंपनी बाय पोजीशन (लिवाल की भूमिका) लेती थीं। ये पोजीशन एक ही कॉन्ट्रैक्ट में एक ही प्राइस पर और एक ही समय में लिए जाते थे। इसका मतलब कीमतों को अपनी जरूरत के हिसाब से गिराना या चढ़ाना होता था।

सेबी की जांच में इस बात का भी पता चला कि ट्रेडिंग की ये स्ट्रेटजी ज्यादातर वीकली और मंथली एक्सपायरी के दिन अपनायी जाती थी। इंडेक्स की क्लोजिंग प्राइस को घटाने या बढ़ाने के लिए ट्रेडिंग के आखिरी मिनट में जेन स्ट्रीट ग्रुप (Jane Street Group) की कंपनियां बड़े ऑर्डर प्लेस करती थीं, जिससे इंडेक्स में अंतिम मिनट में होने वाले होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रॉफिट पर काफी ज्यादा असर पड़ता था। आरोप है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों ने इस स्ट्रेटजी का पालन करके मार्केट को मैनिपुलेट किया और गलत तरीके से काफी लाभ अर्जित किया।

आपको बता दें की मार्केट रेगुलेटर सेबी (market regulator SEBI) ने पिछले साल एक स्टडी जारी करके बताया था कि इंडेक्स डेरिवेटिव्स में विदेशी हेज फंड्स ने जम कर पैसे कमाए थे, जबकि इंडिविजुअल ट्रेडर्स (individual traders) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इस स्टडी में बताया गया था कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग करने वाले इंडिविजुअल ट्रेडर्स में से 90 प्रतिशत को नुकसान का सामना करना पड़ा था। सिर्फ 2 साल की अवधि में ही इंडिविजुअल ट्रेडर्स को करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।