नई दिल्ली : (New Delhi) जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को देश के बड़े बाजारों से सीधा जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। बडगाम और दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन (Budgam and Adarsh Nagar station of Delhi) के बीच 13 सितंबर से दैनिक पार्सल ट्रेन की सेवा शुरू होगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि इस पहल से कश्मीर घाटी के किसानों और बागवानों को अपने उत्पाद जल्दी और सुरक्षित तरीके से बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “कश्मीर के सेब उत्पादकों को सशक्त बनाने की दिशा में रेलवे अहम कदम उठा रहा है। जम्मू-श्रीनगर रेललाइन (Jammu-Srinagar rail line) शुरू होने से घाटी की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है और अब बडगाम से दिल्ली तक रोजाना समयबद्ध पार्सल ट्रेन चलाई जाएगी। आज से बडगाम से दिल्ली तक सेब से लदे दो पार्सल वैन का लोडिंग कार्य भी प्रारंभ हो रहा है।”
उत्तर रेलवे के अनुसार इस सेवा के तहत ‘ज्वाइंट पार्सल प्रोडक्ट–रैपिड कार्गो सर्विस’ (‘Joint Parcel Product-Rapid Cargo Service’) (JPP-RCS) ट्रेन प्रतिदिन बडगाम–आदर्श नगर–बडगाम मार्ग पर चलेगी। यह ट्रेन 8 पार्सल वैन (VPS) और एक एसएलआर डिब्बे के साथ संचालित होगी तथा मध्यवर्ती स्टेशन बाड़ी ब्राह्मण पर लोडिंग और अनलोडिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। यह ट्रेन 13 सितंबर को दोपहर 12:10 बजे आदर्श नगर से तथा 15 सितंबर को सुबह 6:15 बजे बडगाम से रवाना होगी। बडगाम से सुबह रवाना होकर यह ट्रेन अगले दिन सुबह 5:30 बजे आदर्श नगर दिल्ली पहुंचेगी, जिससे सेब और अन्य जल्द खराब होने वाले उत्पाद सुबह के बाजार तक समय पर पहुंच सकेंगे।
रेलवे के अनुसार यह सेवा पंजीकृत जेपीपी-आरसीएस एकत्रकों के लिए उपलब्ध होगी। पंजीकरण के लिए पोर्टल www.fois.indianrail.gov.in पर लॉगिन करना होगा। रेलवे ने कहा है कि मांग बढ़ने पर अतिरिक्त पार्सल वैन लगाई जाएंगी और ट्रेन का आकार भी बढ़ाया जाएगा। उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (Jammu Divisional Railway Manager) और जम्मू मंडल रेल प्रबंधक राज्य सरकार, बागवानी विभाग, फल उत्पादक संघों और व्यापारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि ट्रेन का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रेलवे ने 9 अगस्त को पंजाब से कश्मीर के अनंतनाग (Punjab to Anantnag in Kashmir) तक सीमेंट ले जाने वाली पहली मालगाड़ी भी चलाई थी। रेलवे को उम्मीद है कि इन पहलों से कश्मीर के किसानों और उद्योगों को परिवहन का एक विश्वसनीय और समय पर साधन उपलब्ध होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।