नई दिल्ली : गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष द्वारा लिखित पुस्तक ”बाबा एण्ड मी” का सोमवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के उमंग सभागार में लोकार्पण हुआ।
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष राम बहादुर राय, वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा, धर्मगुरु श्रीसदगुरु दयाल जी सहित साहित्य संगीत और कला से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे।
वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह पुस्तक मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ां की जीवन पर आधारित है। पुस्तक में ख़ां से जुड़ी कई यादों का सचित्र वर्णन है। शहनाई वादन के क्षेत्र में ख़ां के योगदान को दुनिया के सामने लाने के लिए और अधिक उनके बारे में लिखे जाने की आवश्यकता है।
राय ने गायिका सोमा घोष से अनुरोध किया कि वह इस पुस्तक को हिन्दी में भी लाएं, जिससे अधिक से अधिक लोग उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ां के बारे में और अधिक जान सकें।
कार्यक्रम के दौरान धर्मगुरु श्रीसदगुरु दयाल जी ने उस्ताद बिस्मिल्लाह को याद करते हुए कहा कि उनकी साधना की मां गंगा साक्षी रही हैं। उनके तप ने शहनाई वादन को एक नई पहचान दी है। हर दिन उनका वादन मां गंगा को नमन करता रहा। उनके वादन में मंगल कामना थी।
पुस्तक की लेखिका सोमा घोष ने कहा कि बिस्मिल्लाह ख़ां हमेशा कहा करते थे कि संगीत समाज को जोड़ता है। वह इंसानियत को धर्म मानते थे और प्रतिभा को सम्मानित और प्रोत्साहित करते रहे। सोमा ने कहा कि यह पुस्तक बिस्मिल्लाह ख़ां की जीवन यात्रा के कई महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित करवाती है।
सोमा ने सरकार से आह्वान किया कि शास्त्रीय संगीत को सरकार की ओर से और अधिक प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। इस विधा से जुड़े लोगों को उचित मंच और आर्थिक सहयोग की जरूरत है।