नई दिल्ली : (New Delhi) सर्राफा बाजार (bullion market) के साथ ही वायदा बाजार में भी चांदी आज रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (Multi Commodity Exchange) (एमसीएक्स) पर सिल्वर फ्यूचर 1.10 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। घरेलू बाजार की तरह ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी के भाव में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। आज कॉमेक्स पर चांदी 37.23 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया। पिछले 13 साल के दौरान चांदी पहली बार इस ऊंचाई पर पहुंचने में सफल रहा है। माना जा रहा है कि अगर दुनिया के अलग-अलग हिस्से में बनी जियो-पॉलिटिकल टेंशन की स्थिति जारी रही, तो ये चमकीली धातु जल्दी ही 40 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी पार कर सकती है।
कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता (Rajiv Dutta, CEO of Capex Gold and Investments) का कहना है कि ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता की वजह से चांदी की मांग में वैश्विक स्तर पर तेजी आई है। सोना और चांदी को लंबे समय से सेफ इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट माना जाता है। सोना जहां इन्वेस्टमेंट का महंगा विकल्प है, वहीं चांदी को आमतौर पर इन्वेस्टमेंट के लिए सोने का सस्ता विकल्प माना जाता है। सोना भी फिलहाल अपने ऑल टाइम हाई लेवल के करीब पहुंच कर कारोबार कर रहा है। ऐसे में चांदी के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। इसी तेजी के कारण फरवरी 2012 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 37 डॉलर के स्तर के ऊपर पहुंची है।
राजीव दत्ता का कहना है कि चांदी और सोना इन दोनों चमकीली धातुओं का उपयोग ज्वेलरी के साथ ही इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में भी होता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिलहाल काफी हलचल की स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के तौर पर दोनों चमकीली धातुओं की मांग में तेजी का रुख बना हुआ है। इसके अलावा चांदी की मांग इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट समेत कई चीजों के उत्पादन में चांदी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बढ़ने पर चांदी की डिमांड में भी तेजी आ जाती है।
पिछले कुछ सालों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स (demand for electronic items) की मांग में काफी तेजी आई है, जिसके कारण चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि सोने की तुलना में चांदी में ज्यादा तेजी आने की संभावना बनी हुई है। अगर वैश्विक परिस्थितियों में अधिक बदलाव नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत जहां 40 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर सकती है, वहीं घरेलू बाजार में भी चांदी का भाव 1.20 लाख से लेकर 1.25 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है।