spot_img
Homecrime newsNew Delhi : श्रद्धा हत्याकांड: उच्च न्यायालय में जांच सीबीआई को सौंपने...

New Delhi : श्रद्धा हत्याकांड: उच्च न्यायालय में जांच सीबीआई को सौंपने के लिए याचिका दायर

New Delhi: Shraddha murder case: petition filed in High Court to hand over investigation to CBI

नयी दिल्ली: (New Delhi) दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Walkar murder case) की जांच दिल्ली पुलिस से केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।याचिका में आरोप लगाया गया कि वारदात से जुड़े स्थानों पर मीडिया और जनता की मौजूदगी सबूतों से छेड़छाड़ के बराबर है।’’याचिका को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। इसमें आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच से जुड़ी हर एक जानकारी मीडिया और जनता के समक्ष रख दी है, जिसकी कानून अनुमति नहीं देता।याचिका में दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने वारदात से जुड़े स्थलों को अभी तक ‘सील’ नहीं किया है, जहां लगातार लोग और मीडिया कर्मी जा रहे हैं।

गौरतलब है कि श्रद्धा वालकर की उसके लिव-इन-पार्टनर ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी और फिर उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। इसके बाद वह कई दिनों तक शहर के विभिन्न इलाकों में आधी रात को ये टुकड़े फेंकने जाता था।जोशीनी तुली की ओर से दायर याचिका में कहा गया, ‘‘ हत्या की इस वारदात को कथित तौर पर दिल्ली में अंजाम दिया गया और फिर शव के टुकड़े विभिन्न स्थानों पर फेंके गए। इसलिए करीब छह महीने पहले मई 2022 में हुई इस घटना की जांच प्रशासनिक/कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ साक्ष्यों और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त तकनीकी व वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण महरौली थाने द्वारा कुशलतापूर्वक नहीं की जा सकती। ’’

अधिवक्ता जोगिंदर तुली की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया कि मामले से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दिल्ली पुलिस ने मीडिया के जरिए सार्वजनिक कर दी है, जिससे संवेदनशील सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।याचिका में आरोप लगाया गया, ‘‘ वारदात से जुड़े स्थलों, अदालती सुनवाई आदि स्थानों पर मीडिया व अन्य लोगों की मौजूदगी, वर्तमान मामले में सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ के बराबर है।’’निचली अदालत ने 17 नवंबर को आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस को उसकी पांच दिन की हिरासत सौंप दी थी, जबकि एक अन्य न्यायाधीश ने नार्को विश्लेषण परीक्षण कराने की अनुमति दे दी थी।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर