नई दिल्ली : (New Delhi) शेयर बाजार में जारी मजबूती का असर मुद्रा बाजार पर भी स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। आज लगातार नौवें कारोबारी दिन भारतीय मुद्रा रुपया डॉलर की तुलना में तेजी के साथ बंद हुआ। आज दिन के कारोबार में भारतीय मुद्रा 35 पैसे की मजबूती के साथ 85.64 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई। इसके पहले पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को भारतीय मुद्रा 85.99 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई थी।
भारतीय मुद्रा ने आज सुबह डॉलर के मुकाबले 5 पैसे की मजबूती के साथ 85.94 रुपये के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। दिन के कारोबार के दौरान डॉलर की मांग बढ़ने पर रुपया कमजोर होकर 86.01 के स्तर तक पहुंचा। लेकिन बाद में इसने जोरदार रिकवरी करके 85.48 रुपये प्रति डॉलर तक के स्तर तक पहुंचने में सफलता हासिल की। हालांकि कारोबार के आखिरी वक्त रुपया सर्वोच्च स्तर से 16 पैसे गिरकर 35 पैसे की मजबूती के साथ 85.64 के स्तर पर बंद हुआ।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक आज शेयर बाजार की तेजी में विदेशी निवेशकों का काफी योगदान रहा। विदेशी निवेशकों ने आज बड़े पैमाने पर स्टॉक मार्केट में खरीदारी की, जिससे मुद्रा बाजार में भी डॉलर की आवक बढ़ गई। इसके साथ ही बॉन्ड मार्केट में भी आज 3 बिलियन डॉलर के निवेश की पुष्टि हुई, जिससे रुपये का सपोर्ट और भी ज्यादा बढ़ गया।
खुराना सर्विसेज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना के अनुसार आज के शुरुआती कारोबार में कच्चे तेल की कीमत में भी गिरावट का रुख बना था, जिससे शुरू से ही रुपये ने बढ़त बनाना शुरू कर दिया था। ऑयल मार्केट की ओर से आगे के लिए भी पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं, जिसकी वजह से मुद्रा बाजार के सेंटीमेंट्स हाई हो गए हैं।
खासकर, पेट्रोलियम के उत्पादक और निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस अप्रैल से कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी करने की बात दोहरायी है। ऐसा होने पर प्रति दन 1.38 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ जाएगा, जिससे कच्चे तेल की कीमत में और भी गिरावट आ सकती है। रवि चंदर खुराना का कहना है कि अगर भारत के ऑयल इंपोर्ट बिल में कमी आती है, तो इससे भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग में भी कमी आएगी, जिसका प्रत्यक्ष असर रुपये की मजबूती के रूप में दिखेगा।