नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली नगर निगम की मंगलवार को बैठक शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। डिस्प्ले बोर्ड लेकर पहुंचे भाजपा पार्षद वेल में आ गए और मेयर चुनाव की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। डिस्प्ले बोर्ड पर लिखा था, “दलित महापौर को कुर्सी पर बिठाओ, दलित विरोधी केजरीवाल इस्तीफा दो। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के आरोपित को लेकर भी भाजपा पार्षदों ने नारेबाजी की।
इस दौरान मेयर शैली ओबेरॉय ने भाजपा पार्षदों को अपनी सीट पर बैठने की अपील की लेकिन भाजपा पार्षद नहीं माने। उसके बाद मेयर ने बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया और आचार संहिता होने की वजह से सभी प्रस्तावों को भी स्थगित कर दिया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली नगर निगम में तीसरे टर्म के मेयर का चुनाव नामांकन के बाद भी नहीं हुआ है। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर पेच फंसा हुआ है।
दरअसल, उपराज्यपाल का कहना है कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से अनुमोदन जरूरी है लेकिन मुख्यमंत्री के जेल में होने की वजह से वह अनुमोदन नहीं कर पाए है। हालांकि अभी वह जेल से बाहर हैं लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने की उन्हें इजाजत नहीं है। उन्हें चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक के लिए जेल से रिहा किया है, इस दौरान वह मुख्यमंत्री के तौर पर कोई काम नहीं कर सकते हैं।
नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालिवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में दुर्व्यवहार को लेकर निंदा प्रस्ताव लाने वाले थे लेकिन इसका पता जैसे ही मेयर शैली ऑबराय को चला, उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में स्वाति मालीवाल के साथ जो हुआ, वह निंदनीय है, ये गलत व्यवहार सिर्फ स्वाति मालीवाल के साथ नहीं हुआ बल्कि दिल्ली की महिलाओं के साथ हो रहा है। इस व्यवहार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी दिल्ली नगर निगम में निंदा प्रस्ताव लेकर आई थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी का महिला विरोधी चेहरा सामने आ गया।