New Delhi : लिथियम, नाइओबियम और आरईई के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी

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नई दिल्ली: (New Delhi) केंद्र सरकार ने तीन महत्वपूर्ण खनिजों- लिथियम, नाइओबियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव से खनन क्षेत्र में रोजगार सृजन बढ़ने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रॉयल्टी की दर निर्दिष्ट करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी।

रॉयल्टी की दर को मंजूरी से अब केंद्र सरकार ब्लॉकों की नीलामी कर पाएगी। आज तय रॉयल्टी इस प्रकार है: लिथियम- लंदन मेटल एक्सचेंज मूल्य का 3 प्रतिशत, नाइओबियम – औसत बिक्री मूल्य का 3 प्रतिशत (प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों दोनों के लिए), आरईई- रेयर अर्थ ऑक्साइड के औसत बिक्री मूल्य का 1 प्रतिशत।

केंद्र सरकार का कहना है कि इससे आर्थिक विकास होगा और राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ेगी, स्वदेशी खनन से आयात में कमी आएगी और संबंधित उद्योगों की स्थापना होगी तथा ऊर्जा स्रोतों के परिवर्तन की सुविधा प्रदान करेगा और 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने में मदद करेगा। इससे खनन क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

हाल ही में खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 संसद द्वारा पारित किया गया था। यह 17 अगस्त से लागू हो गया। इसमें लिथियम और नाइओबियम सहित छह खनिजों के नाम परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया। इससे अब नीलामी के माध्यम से निजी क्षेत्र को इन खनिजों के लिए रियायतें देने की अनुमति मिल गई है।

संशोधन में प्रावधान किया गया कि लिथियम, नाइओबियम और आरईई सहित 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।