New Delhi : रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एकीकृत सौर विनिर्माण सुविधा करेगी स्थापित

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नई दिल्‍ली : (New Delhi) उद्योगपति अनिल अंबानी (industrialist Anil Ambani) के नेतृत्‍व वाली रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के सबसे उन्नत, पूर्णतः एकीकृत सौर विनिर्माण परिवेश में से एक की स्थापना करने जा रही है, जिसमें इन्गोट, वेफर्स, सेल और मॉड्यूल शामिल होंगे।

रिलायंस समूह (Reliance Group) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसकी ब्रांच रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेशकों के समक्ष यह प्रस्‍ताव पेश की गई है। यह विनिर्माण सुविधा अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी से लैस होगी, जिसमें इनगॉट्स, वेफर्स, सेल्स और मॉड्यूल शामिल हैं। कंपनी के मुताबिक यह आयात निर्भरता को कम करने और भारत की स्वच्छ ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक एकीकृत मंच होगा। ये सुविधा मांग-आपूर्ति के बीच के बड़े अंतर को पाटेगी, क्योंकि भारत को 2030 तक प्रतिवर्ष 55-60 गीगावाट सौर मॉड्यूल की जरूरत होगी, जबकि ‘अपस्ट्रीम’ क्षमता अब भी काफी कम है।

रिलायंस समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस पावर ने अपने निवेशक प्रस्तुतिकरण में बताया कि रिलायंस एनयू एनर्जीज (Reliance NU Energies) साधारण सौर ऊर्जा से हाइब्रिड एवं ठोस, चौबीसों घंटे (round-the-clock) (RTC) नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव को बल दे रही है। भारत का स्थापित स्थिर भंडारण आधार वतर्मान में एक गीगावाट से भी कम है, जो 2032 तक बढ़कर 250 गीगावाट हो जाएगा। दरअसल घरेलू विनिर्माण वर्तमान में अपेक्षित मांग का 10 फीसदी से भी कम पूरा कर पाता है।