नई दिल्ली : (New Delhi) केन्द्रीय कार्मिक मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह (Union Personnel Minister Dr. Jitendra Singh) ने मंगलवार को लोकसभा में लोक परीक्षा विधेयक चर्चा के लिए पेश किया। उन्होंने सभी सांसदों से देश के युवाओं के लिए इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किए जाने का आग्रह किया।
डॉ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 में आने के बाद से ही युवाओं को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में प्रयास किया। रोजगार की प्रक्रिया को सीधा और सरल किया गया है। हालांकि पेपर लीक होना मेहनती युवाओं के साथ की गई नाइंसाफी है। अब तक इसमें सजा का प्रावधान नहीं था, अब सरकार ने सजा का प्रावधान किया है।
लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक-2024 का उद्देश्य परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी की रोकथाम करना है। इसमें कई कड़े प्रावधान किए गए हैं और आवश्यकता पड़ने पर मामले को केन्द्रीय एजेंसियों को सौंपे जाने का भी प्रावधान है। गलत तरीके से परीक्षा पत्र, उसकी सामग्री और जवाब लीक करने तथा अवैध तरीकों से परीक्षार्थी को पास कराने पर कड़ी कार्रवाई के प्रावधान हैं।
विधेयक के प्रावधानों के तहत किसी भी अपराध की जांच पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त के पद से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा। विधेयक के तहत गलत तरीके से परीक्षा पास करने वाले को तीन साल की कैद की सजा और दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। परीक्षा से जुड़ी सेवायें देने वालों पर करोड़ रुपये तक का जुर्माना और परीक्षा की आनुपातिक लागत वसूलने और चार साल के लिए प्रतिबंध का प्रावधान है। संगठित अपराध में शामिल लोगों को 10 साल तक की सजा हो सकती है। संगठित अपराध में शामिल संस्थान की संपत्ति कुर्क हो सकती है।