नई दिल्ली: (New Delhi) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के पूर्व यह विश्वास व्यक्त किया है कि शिखर सम्मेलन मानव-केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि वे आशा करते हैं कि अगले दो दिनों में विश्व नेताओं के साथ उनकी सार्थक चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि भारत प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मानव-केंद्रित तरीके पर भी बहुत जोर देता है। वंचितों, पंक्ति के अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के गांधीजी के मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने जी20 से जुड़ी अपनी गतिविधियों की जानकारी एक्स पर आज दी। उन्होंने बताया कि भारत को 09-10 सितंबर को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए खुशी हो रही है। यह भारत द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है। वे अगले दो दिनों में विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा की आशा करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार में निहित, भारत की जी20 प्रेसीडेंसी थीम, ‘वसुधैव कुटुंबकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ हमारे विश्व दृष्टिकोण के साथ गहराई से मेल खाती है कि पूरी दुनिया एक परिवार है। भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्य-उन्मुख रही है। हमने ग्लोबल साउथ की विकासात्मक चिंताओं को सक्रिय रूप से आवाज दी।
उन्होंने कहा कि मित्रता और सहयोग के बंधन को और गहरा करने के लिए कई नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ वे द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। उन्हें विश्वास है कि हमारे मेहमान भारतीय आतिथ्य की गर्मजोशी का आनंद लेंगे। राष्ट्रपतिजी 9 सितंबर को रात्रिभोज का आयोजन करेंगी। 10 तारीख को नेता राजघाट पर गांधीजी को श्रद्धांजलि देंगे। समापन समारोह में, उसी दिन, जी20 नेता एक स्वस्थ ‘एक पृथ्वी’ के लिए ‘एक परिवार’ की तरह मिल कर एक स्थायी और न्यायसंगत ‘एक भविष्य’ के लिए अपने सामूहिक दृष्टिकोण को साझा करेंगे।
उन्होंने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, वे ‘एक पृथ्वी’, ‘एक परिवार’ और ‘एक भविष्य’ पर सत्र की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें विश्व समुदाय के लिए प्रमुख चिंता के कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा। इनमें मजबूत, टिकाऊ, समावेशी और संतुलित विकास को आगे बढ़ाना शामिल है। हम सतत भविष्य के लिए एसडीजी, हरित विकास समझौते की प्रगति में तेजी लाना चाहते हैं और 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं। हम तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं। हम लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए भी सामूहिक रूप से काम करेंगे।