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New Delhi : प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया : नीति आयोग के सीईओ

बैठक में 26 मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों ने भाग लिया, 10 राज्य बैठक में शामिल नहीं हुए

प्रधानमंत्री ने गांवों से गरीबी शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित करने का किया आह्वान

नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने ममता बनर्जी के आज आयोग की बैठक से बाहर चले जाने पर कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले बोलने का अनुरोध किया और इसे स्वीकार किया गया। नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक का एजेंडा 2047 तक विकसित भारत था। इसमें 26 मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों ने भाग लिया जबकि 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी का प्रतिनिधित्व नहीं रहा।

उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने में उन्होंने राज्यों की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है। राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने गांवों से गरीबी शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि जिले विकास के वाहक बनें। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दशक बदलाव, तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलाव के साथ-साथ अवसरों का भी है। भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए। यह भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है।

ममता बनर्जी को उनके नंबर से पहले बोलने का अवसर दिया गया, पूरा समय बोलीं

ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले बोलने देने का अनुरोध किया था। यह उनकी तरफ़ से एक बहुत ही स्पष्ट अनुरोध था क्योंकि आमतौर पर हम अल्फाबेटिकल ऑर्डर में बात करते। यह आंध्र प्रदेश से शुरू होता है, फिर अरुणाचल प्रदेश के क्रम से चलता है। हमने वास्तव में समायोजन किया और गुजरात से ठीक पहले उन्हें बुलाया। उन्होंने अपना बयान दिया।

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि हर मुख्यमंत्री को सात मिनट आवंटित किए जाते हैं और स्क्रीन के ऊपर सिर्फ़ एक घड़ी होती है जो आपको शेष समय बताती है। यह सात से छह, पांच, चार, तीन, दो, एक होते हुए अंत में शून्य दिखाता है। शून्य और कुछ नहीं। उनका समय पूरा हुआ और शून्य दिखाई देने लगा, फिर उन्होंने कहा कि देखिए, मैं और समय बोलना चाहती थी, लेकिन मैं अब और नहीं बोलूंगी। बस इतना ही और कुछ नहीं हुआ। हम सबने सुना। उन्होंने अपनी बातें रखीं और हमने सम्मानपूर्वक उनकी बातें सुनीं तथा नोट कीं, जो एक मिनट में बता दी जाएंगी।

बैठक में शामिल नहीं होने वाले राज्यों को लेकर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जो लोग भाग नहीं ले पाए, उनके लिए मैं हमेशा कहता हूं कि यह उनका नुकसान है। उन लोगों ने स्वयं बैठक में भाग न लेने का निर्णय लिया है, आयोग की ओर से किसी भी राज्य को बैठक में भाग लेने से रोका नहीं जाता है।

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