New Delhi : एचडीबी फाइनेंशियल के आईपीओ का प्राइस बैंड फिक्स, 25 जून को होगी लॉन्चिंग

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नई दिल्ली : (New Delhi) नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (non-banking financial company) (NBFC) एचडीबी फाइनेंशियल के आने वाले आईपीओ के लिए प्राइस बैंड का एलान कर दिया गया है। 25 जून को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाले कंपनी के 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए 700 रुपये से लेकर 740 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया गया है। आईपीओ के तहत निवेशक 20 शेयर के लॉट साइज में बोली लगा सकेंगे। ये आईपीओ 27 जून को बंद होगा।

कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार एचडीबी फाइनेंशियल का आईपीओ (HDB Financial’s IPO) एंकर इन्वेस्टर्स के लिए 24 जून को खुलेगा। आईपीओ के तहत 30 जून को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा। इसके बाद अगले महीने 2 जुलाई को बीएसई और एनएसई पर कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग होगी।

इस आईपीओ के तहत 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 13,51,35,135 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बेचे जाएंगे। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने टियर-1 बेस कैपिटल को बढ़ाने में करेगी। वही ऑफर फॉर सेल के जरिए आने वाली 10,000 करोड़ रुपये की राशि अपने शेयर बेच रहे कंपनी के प्रमोटर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को मिलेगी।

एचडीबी फाइनेंशियल के प्राइस बैंड (price band of HDB Financial) से निवेशकों के बीच हलचल तेज हो गई है। दरअसल, अनलिस्टेड मार्केट (grey market) में कंपनी के शेयर फिलहाल 1,250 रुपए के भाव पर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में आईपीओ के लिए फिक्स किया गया प्राइस बैंड अनलिस्टेड मार्केट की तुलना में जबरदस्त डिस्काउंट वाला है। हालांकि इसके पहले भी अनलिस्टेड मार्केट के भाव की तुलना में डिस्काउंट रेट पर प्राइस बैंड फिक्स किए जाते रहे हैं। टाटा टेक्नोलॉजी, यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट, एजीएस ट्रांजैक्ट और पीबी फिनटेक के आईपीओ के लिए भी अनलिस्टेड मार्केट की तुलना में कम भाव पर प्राइस बैंड फिक्स किया गया था।

साल 2007 से फाइनेंशियल सर्विस के सेक्टर (financial services sector) में काम कर रही एचडीबी फाइनेंशियल एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (non-banking financial company) है, जिसका मुख्य कारोबार रिटेल सेगमेंट में फैला हुआ है। इसके अलावा ये कंपनी बैक ऑफिस सपोर्ट सर्विसेज, सेल्स रिपोर्ट सर्विसेज और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी करती है। कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के अनुसार पूरे देश के 1,170 छोटे-बड़े शहरों में इसकी 1,771 शाखाएं हैं। इनमें 80 प्रतिशत से अधिक शाखाएं अधिक जनसंख्या वाले देश के प्रमुख 20 शहरों के बाहर हैं। मतलब कंपनी ने मध्यम और छोटे शहरों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।