नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आज कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) एवं वंचित वर्ग (डीजी) कोटे के तहत होने वाले दाखिला में यदि कोई अनियमितता मिले तो अभिभावक सीधे शिक्षा मंत्री से शिकायत कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए ईडब्ल्यूएस व डीजी कोटे के तहत होने वाले प्रवेश के लिए पांच मार्च के हुए ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ के बाद इस कोटे के तहत होने वाली प्रवेश प्रक्रिया पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को कहा कि नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आए दो लाख से ज्यादा आवेदन में से ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ में कुल 44 हजार 45 बच्चों के नाम कंप्यूटराइज्ड लॉटरी में सामने आए थे। उनका ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए बीते 6 मार्च से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी है।
आशीष सूद ने बताया कि अगर किसी भी बच्चे के माता-पिता को दस्तावेजों के हो रहे सत्यापन में गड़बड़ी या पारदर्शिता को लेकर किसी भी तरह की कोई भी परेशानी सामने आए या फिर शिकायत हो तो ऐसे लोग सीधे शिक्षा मंत्री से संपंर्क कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री के दफ्तर में जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि अगर कोई आपसे दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिला करवाने के नाम पर कोई भी व्यक्ति आपसे रिश्वत की मांग कर रहा हो तो भी आप सीधे शिक्षा मंत्री या फिर उनके कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
आशीष सूद ने बताया कि ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ में नाम आए कुल 44 हजार 45 बच्चों के नाम शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड होने के बाद से बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता डॉक्यूमेंट लेकर वेरिफिकेशन के लिए पहुंच रहे हैं। उनका मौके पर ही वेरिफिकेशन कर स्कूलों में सीटों का आवंटन किया जा रहा है। 6 मार्च को दिल्ली शिक्षा निदेशालय के 29 जोनल कार्यालय में कुल 1193 बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों के जरूरी दस्तावेज लेकर सत्यापन कराने के लिए पहुंचे थे। इनमें से कुल 1096 बच्चों के दस्तावेजों के सत्यापन किए गए। कागजात की जांच के बाद कुल 834 बच्चों को दाखिले के लिए सीट आवंटित कर दी गई जबकि जिन 260 बच्चों के दस्तावेजों में कमी पाई गई, उनको जरूरी कागजात जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। लॉटरी में नाम आने के बावजूद शिक्षा निदेशालय के जोनल कार्यालय 14 और 23 में दाखिले के लिए जरूरी दस्तावेजों में अनियमितता मिलने पर दो बच्चों की उम्मीदवारी रद्द भी की गई है।