नई दिल्ली: (New Delhi) माई होम इंडिया की ओर से शनिवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स के लिए सबसे प्रतिष्ठित महोत्सव, नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट फेस्टिवल 2023 ( नेस्ट फेस्ट-2023) का आयोजन किया गया। इस दौरान दिल्ली में पूर्वोत्तर के इंद्रधनुषी कला के क्षितिज रंगों, नृत्य संगीत की मनोरम प्रस्तुति एवं फैशन शो का आयोजन किया गया।
फैशन शो में सिने कलाकर एवं गायिका सोमा लैशराम ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा पूर्वोत्तर के प्रसिद्ध कलाकार नील आकाश, रिटो रीबा, इम्नैनला जमीर और एस्तेर हनामटे की यादगार प्रस्तुति ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर अष्टलक्ष्मी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में पूर्वोत्तर के छात्रों का स्वागत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भांगड़ा नृत्य की शानदार प्रस्तुति से किया। वहीं कथकली नृत्य भी लोगों का मन मोह लिया। मणिपुर का लाय हरोबा, मिजोरम का बांस नृत्य, मेघालय का जैंतिया डांस सहित अन्य नृत्य पर लोग जमकर झूमे। नेस्ट फेस्ट में डीयू के अलावा शारदा यूनिवर्सिटी और सुभारती यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए पूर्वोत्तर के छात्रों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर डीयू में नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स के अध्यक्ष माइकल को आयोजकों की तरफ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा दिल्ली में पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों की स्टूडेंट्स यूनियन को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य गण्यमान्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह, सिक्किम के विधायक नरेंद्र कुमार सुब्बा एवं मेघालय के पूर्व मंत्री दासाखैताभा लमारे सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
माई होम इंडिया के संस्थापक और नेस्ट फेस्ट के आयोजक सुनील देवधर ने कहा, “हम उत्तर पूर्व के नए छात्रों के लिए नेस्ट फेस्ट का आयोजन करते हैं ताकि उन्हें विभिन्न शहरों में अपने नए वातावरण के अनुकूल बनाने में मदद मिल सके। ”नेस्ट फेस्ट” भारत के आठ उत्तर पूर्वी राज्यों (अष्टलक्ष्मी राज्यों) द्वारा अपनाए गए समृद्ध रीति-रिवाजों और परंपराओं को संजोने वाली वार्षिक सांस्कृतिक शाम है। यह महोत्सव दिल्ली में पहली बार 2015 में शुरू किया गया था। तब से माय होम इंडिया हर साल नेस्ट फेस्ट मनाता है और नए उत्तर पूर्वी छात्रों का भी स्वागत करता है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री, पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित अतिथि शामिल होते रहे हैं और अन्य लोग भी इस यादगार शाम का हिस्सा बन च चुके हैं।”