नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, जेपी नड्डा ने शुक्रवार को एमबीबीएस डॉक्टरों के पंजीकरण के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर (एनएमआर) पोर्टल का उद्घाटन किया। एनएमआर भारत में सभी एलोपैथिक (एमबीबीएस) पंजीकृत डॉक्टरों के लिए एक व्यापक और गतिशील डेटाबेस होगा।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को एनएमसी अधिनियम, 2019 की धारा 31 के तहत अनिवार्य किया गया है। इसमें कहा गया है कि एनएमसी का नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईएमआरबी) इलेक्ट्रॉनिक रूप में लाइसेंस प्राप्त चिकित्सा व्यवसायी का नाम, पता और सभी मान्यता प्राप्त योग्यताओं वाले एक राष्ट्रीय रजिस्टर में पंजीकृत करेगा। एनएमआर की विशिष्टता यह है कि यह डॉक्टरों की आधार आईडी से जुड़ा हुआ है, जो उनकी प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है।
इस अवसर पर जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण भारत को डिजिटल रूप से मजबूत बनाना है और यह तब हो सकता है जब स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र भी डिजिटल रूप से मजबूत हो। राष्ट्रीय स्वास्थ्य रजिस्टर इस दिशा में एक बहुप्रतीक्षित कदम है, जो डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और सुनिश्चित करेगा कि देश के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाए। उन्होंने आगे कहा कि पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया में निरंतर सुधार के साथ राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर को उन्नत और संवर्धित किया जाएगा। इसके साथ पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए भी एक समान रजिस्टर लॉन्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हम एक विशाल डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं और डॉक्टरों की डिजिटल रजिस्ट्री बनाना इस पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
इस मौके पर प्रतापराव जाधव ने कहा कि सरकार “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। एनएमआर का शुभारंभ लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।