नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक 45 वर्षीय किसान ने आत्महत्या कर ली जब उसकी नाबालिग बेटी के अपहरण और बलात्कार के दोषियों के साथ पुलिस ने जबरन समझौता करा दिया। बताया जा रहा है कि पीड़िता अनुसूचित जाति की थी।
इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग के मुताबिक यह पीड़िता के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है। इस मामले की वर्तमान स्थिति और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के तहत पीड़ित को प्रदान की गई। आर्थिक राहत की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए। आयोग ने इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई की भी रिपोर्ट तलब की है।
उल्लेखनीय है कि 9 मई को आरोपी व्यक्तियों ने लड़की का उस समय अपहरण कर लिया गया, जब वह अपने पिता से मिलने खेत पर जा रही थी। उसके पिता ने अगले दिन एक पुलिस शिकायत दर्ज की लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय कुछ रिश्तेदारों की उपस्थिति में पीड़िता और आरोपी व्यक्तियों के बीच समझौता करा दिया। पुलिस ने पीड़ित लड़की के माता-पिता को न तो फोन किया और न ही सूचित किया और मामला बंद कर दिया। कथित तौर पर, इससे परेशान होकर लड़की के पिता ने 17 मई को आत्महत्या कर ली।