नई दिल्ली : (New Delhi) खेल मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय आयु धोखाधड़ी विरोधी कोड 2025’ (‘National Anti-Age Fraud Code 2025’) का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है और इस पर सुझाव व टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। यह कोड खेलों में आयु धोखाधड़ी रोकने, ईमानदार खिलाड़ियों की रक्षा करने और खेलों की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए लाया गया है। लगभग 15 वर्षों बाद इस कोड को अपडेट किया गया है, जिससे भारतीय खेलों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
कोड के प्रमुख उद्देश्य
-खेलों की निष्पक्षता बनाए रखना और आयु धोखाधड़ी को रोकना।
-केंद्रीय डेटाबेस के माध्यम से एक सख्त आयु सत्यापन प्रणाली लागू करना।
-धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों पर कड़ी सजा लागू करना।
-खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
प्रमुख प्रावधान
- आयु सत्यापन और डिजिटल लॉकिंग – खिलाड़ियों को पंजीकरण के दौरान तीन आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। सत्यापन के बाद उनकी आयु को डिजिटल रूप से लॉक कर दिया जाएगा, जिससे भविष्य में इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके।
- चिकित्सीय जांच – आयु विवाद की स्थिति में TW3 पद्धति, MRI स्कैन, दंत परीक्षण और एआई-आधारित हड्डी परीक्षण का उपयोग किया जाएगा। अपील के लिए विशेष चिकित्सा अपीलीय पैनल बनाया जाएगा।
- सख्त दंड –
पहली बार आयु धोखाधड़ी पकड़े जाने पर दो साल का प्रतिबंध और जीते गए खिताब रद्द।
दूसरी बार अपराध करने पर आजीवन प्रतिबंध और कानूनी कार्रवाई।
कोच और अधिकारी भी निलंबन और पदच्युत किए जाएंगे।
- व्हिसल-ब्लोअर प्रणाली – आयु धोखाधड़ी की गुमनाम रिपोर्टिंग के लिए एक सुरक्षित मंच बनाया जाएगा। सच्ची जानकारी देने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार योजना लागू की जाएगी।
- एकमुश्त माफी योजना – छह महीने की माफी अवधि दी जाएगी, जिसमें खिलाड़ी अपनी सही आयु घोषित कर सकते हैं और उचित आयु वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
- दो-स्तरीय अपील प्रणाली – क्षेत्रीय अपीलीय पैनल पहली अपील सुनेगा। असंतुष्ट खिलाड़ी केंद्रीय अपील समिति के समक्ष अंतिम अपील कर सकते हैं।
- इंटीग्रिटी अधिकारी की नियुक्ति – सभी प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय खेल महासंघ द्वारा ईमानदारी/अनुपालन अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो आयु सत्यापन और कोड के अनुपालन को सुनिश्चित करेंगे।
- राष्ट्रीय डिजिटल डेटाबेस – सभी खिलाड़ियों की आयु संबंधी जानकारी राष्ट्रीय खेल भंडार प्रणाली में संग्रहीत की जाएगी, जिसमें नाबालिगों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
- क्यूआर कोड-सक्षम आईडी कार्ड – सत्यापन के बाद क्यू आर कोड युक्त आईडी कार्ड दिए जाएंगे, जिन्हें डीजीलॉकर में संग्रहीत किया जाएगा और खेल प्रतियोगिताओं में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- सार्वजनिक जवाबदेही और निगरानी – खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय खेल महासंघ और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) कोड के अनुपालन पर नियमित रिपोर्ट सौंपेंगे।
कोड का दायरा
यह कोड सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों साई, सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी खेल संस्थानों पर लागू होगा। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इसे अपनाने या अपने अनुसार संशोधित करने की स्वतंत्रता दी गई है। खेल प्रेमी, खिलाड़ी और संबंधित हितधारक 31 मार्च तक अपने सुझाव और टिप्पणियां खेल मंत्रालय को section.sp3-moyas[at]gov[dot]in पर ईमेल के माध्यम से भेज सकते हैं।