मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्य हासिल करके समुद्र में दिखाई भारत की आत्मनिर्भरता
दुनिया के सामने एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत हुई
नई दिल्ली: (New Delhi) भारतीय नौसेना ने पूर्वी बेड़े के एक विध्वंसक जहाज से बुधवार को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्य हासिल करके समुद्र में भारत की आत्मनिर्भरता और भारतीय नौसेना की मारक क्षमता के एक और चमकदार प्रतीक को चिह्नित किया है। जहाज से लॉन्च की गई ब्रह्मोस मिसाइल ने 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज गति से उड़कर लक्ष्य पर सटीक हमला किया, जिससे एयरोस्पेस की दुनिया में एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत हुई।
नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि भारतीय नौसेना ने स्वदेशी बूस्टर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया है, जो भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण की लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक क्षमता को सफलतापूर्वक मान्य किया गया। लक्ष्य के पिन पॉइंट विनाश ने फ्रंटलाइन प्लेटफार्मों की लड़ाई और मिशन की तत्परता का प्रदर्शन किया। यह आत्मनिर्भर भारत के लिए एक और शॉट था। इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है।
डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। आज किया गया सफल परीक्षण आत्मनिर्भर भारत के लिए एक और शॉट था। नियंत्रण प्रणाली सहित नई अतिरिक्त तकनीकों के साथ किये गए परीक्षण से मिले विस्तृत आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। समुद्र से समुद्र में वार करने वाले संस्करण की मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा है। इस संयुक्त उद्यम में डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
नौसेना इससे पहले भी अपने वॉरशिप आईएनएस विशाखापत्तनम, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ, युद्धपोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस रणविजय, स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण कर चुकी है। समुद्र में दागने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के चार वैरिएंट्स हैं। युद्धपोत से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल नौसेना के पास पहले से हैं। पनडुब्बी से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल और लैंड-अटैक मिसाइल का भी सफल परीक्षण हो चुका है और जल्द ही नौसेना के जखीरे में शामिल होंगी।



