नई दिल्ली : (New Delhi) वेल्डिंग कंज्यूमबेल्स बनाने वाली कंपनी क्लासिक इलेक्ट्रोड्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट (stock market) में प्रीमियम एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। हालांकि निवेशकों की ये खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी, क्योंकि लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव की वजह से कंपनी के शेयर पर लोअर सर्किट लग गया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 87 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म (SME platform of NSE) पर इसकी लिस्टिंग 14.94 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 100 रुपये के स्तर पर हुई। मजबूत लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कुछ ही देर में कंपनी के शेयर फिसल कर 95 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशक लोअर सर्किट लगने के बावजूद 9.91 प्रतिशत के फायदे में हैं।
क्लासिक इलेक्ट्रोड्स (Classic Electrodes) का 41.51 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 से 26 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 179.97 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए रिजर्व पोर्शन 84.88 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए रिजर्व पोर्शन में 356.75 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 158.44 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 47,71,200 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी नई मशीनरी और प्लांट खरीदने, पुराने कर्ज को कम करने, अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2.08 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 12.30 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 19 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 194.41 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का कर्ज भी लगातार बढ़ता गया। वित्त वर्ष 2021-22 के आखिर में कंपनी का कर्ज 40.21 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में बढ़ कर 44.11 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में 46.73 करोड़ रुपये और 2024-25 में फरवरी 2025 तक कंपनी का कर्ज उछल कर 53.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।