
नयी दिल्ली/पटना : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके आवास पर सोमवार को पूछताछ की और उनके पति एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कोई तलाशी नहीं ली जा रही, ना ही छापा मारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने राबड़ी देवी को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने सोमवार को उपलब्ध रहने की बात कही थी और जांच एजेंसी की टीम उनसे पूछताछ करने के लिए उनके आवास पर गई।
अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह का एक नोटिस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को भी जारी किया गया है, लेकिन पूछताछ की तारीख पर वह चुप्पी साधे हुए हैं।
सीबीआई मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। विशेष अदालत ने प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों सहित अन्य आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने कथित घोटाले की जांच खुली रखी है और मामले में आगे की जांच के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीबीआई की टीम इस संबंध में प्रसाद के परिवार से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकती है।
यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर ‘ग्रुप-डी’ की नौकरी दिए जाने से संबंधित है।
इस बीच, प्रसाद के बेटे एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई उनके परिवार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लगातार किये जा रहे विरोध का नतीजा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जाहिर है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन लोगों की मदद कर रही है जो उस पार्टी (भाजपा) के साथ खड़ी है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि तत्कालीन रेल मंत्री के तौर पर किसी लाभ के एवज में नौकरी देने की उनके पिता के पास कोई शक्तियां नहीं थीं।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे अन्य विपक्षी दलों ने भी सीबीआई की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने एक ट्वीट में कहा,‘‘जो विपक्षी नेता भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें ईडी-सीबीआई के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है। आज राबड़ी देवी जी को परेशान किया जा रहा है। लालू प्रसाद जी व उनके परिवार को वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि वे झुके नहीं। भाजपा विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।’’
सीबीआई की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, आप संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना और प्रताड़ित करना गलत है।
हालांकि, भाजपा ने कहा है कि सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में अपना काम कर रही है और प्रसाद ने ‘‘जो बोया था वही काट रहे हैं।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा, ‘‘लालू प्रसाद सीबीआई का लंबे समय से सामना कर रहे हैं। चारा घोटाले का मामला काफी पहले दर्ज हुआ था।’’
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया और इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन दी। बाद में इस कंपनी का स्वामित्व प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था।
यह भी आरोप लगाया गया है कि पटना में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री सौदों, दो उपहार सौदों के माध्यम से 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लोगों से ली। इसके लिए विक्रेताओं को नगद भुगतान करने को कहा गया। इस जमीन की कीमत वर्तमान ‘सर्किल रेट’ के अनुसार 4.32 करोड़ रुपये है, लेकिन लालू प्रसाद के परिवार को यह जमीन इससे बहुत कम दाम में बेची गई।
साथ ही आरोप है कि नियुक्तियों के लिए रेलवे प्राधिकरण की ओर से जारी दिशानिर्देशों और आवश्यक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर कथित लाभार्थियों की सेवाएं नियमित की गईं।