New Delhi : जैनिक पावर ने कमजोर लिस्टिंग से किया निराश, आईपीओ निवेशकों को पहले दिन ही जबरदस्त नुकसान

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नई दिल्ली : (New Delhi) एल्यूमिनियम वायर और पावर केबल्स बनाने वाली कंपनी जैनिक पावर एंड केबल्स (Shares of Janic Power and Cables) के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को जोरदार झटका दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 110 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे।

आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी एंट्री (entry on NSE’s SME platform25.45) प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 82 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद खरीदारी के सपोर्ट से ये शेयर उछल कर 86.10 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक भी पहुंचा, लेकिन कुछ देर बाद ही बिकवाली शुरू हो जाने के कारण इसका अपर सर्किट ब्रेक हो गया। पूरे दिन के कारोबार के बाद जैनिक पावर के शेयर 82.60 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इस तरह कंपनी के आईपीओ निवेशकों को आज पहले दिन ही प्रति शेयर 27.40 रुपये यानी 24.91 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

जैनिक पावर एंड केबल्स का 51.30 करोड़ रुपये का आईपीओ 10 से 12 जून के बीच सब्सक्रिप्शन’ (Rs 51.30 crore IPO was open for subscription) के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.54 गुना सब्सक्राइब हो गया था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.01 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1.13 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.08 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 46,63,200 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपना नया प्लांट लगाने, पुराने कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉर्पोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 15 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 5.02 करोड़ रुपये और 2024-25 में 9.24 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 128 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 352.28 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।