नई दिल्ली : (New Delhi) कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने गुजरात के जामनगर में रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र, वंतारा से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय के एक महीने में आए फैसले पर तंज कसा है। रमेश ने कहा, “देरी के लिए जाने जाने वाली भारतीय न्याय प्रणाली जब चाहे अत्यंत तेजी से आगे बढ़ सकती है।”
वंतारा मामले से जुड़े घटनाक्रम का तारीख के साथ जिक्र करते हुए रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि इसी साल 25 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (Special Investigation Team) (SIT) गठित किया था। दल को 12 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट ‘सीलबंद लिफाफे’ में प्रस्तुत की। 15 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही 7 अगस्त को दायर जनहित याचिका से शुरू हुए मामले को बंद कर दिया गया।
रमेश ने कटाक्ष किया, “काश, सभी मामलों को इतनी तेजी और स्पष्टता से निपटाया जाता। और वो भी इस ‘रहस्यमय सीलबंद लिफाफे’ के बिना!”
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को गुजरात के जामनगर में रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation) द्वारा संचालित वंतारा को क्लीन चिट दे दी। कोर्ट ने कहा कि ‘ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर’ (‘Greens Zoological Rescue and Rehabilitation Center’) द्वारा जानवरों को रखना कानून के दायरे में है।