नई दिल्ली : (New Delhi) भारत ने एससीओ बैठक (SCO meeting) में निर्यात संबंधी उपायों को हथियार बनाने या उनका दुरुपयोग करके कृत्रिम कमी पैदा करने, बाजार को बिगाड़ने या आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने के प्रति आगाह किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (The Ministry of Commerce and Industry)ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि भारत ने छह सितंबर को व्लादिवोस्तोक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के व्यापार मंत्रियों की बैठक में कहा कि अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य में भरोसा बनाए रखने के लिए इन कदमों का संतुलित और पारदर्शी उपयोग जरूरी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का प्रतिनिधित्व करते हुए वाणिज्य विभाग के अपर सचिव अमिताभ कुमार (Union Commerce and Industry Minister, Additional Secretary, Department of Commerce Amitabh Kumar)ने बैठक में विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) को केंद्र में रखते हुए एक खुली, निष्पक्ष, समावेशी और भेदभाव रहित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। भारत ने यह भी कहा कि व्यापार से जुड़े जलवायु उपायों के चलते अनुचित भेदभाव नहीं होना चाहिए।
मंत्रालय के मुताबिक भारत ने अधिक बाजार पहुंच सुनिश्चित करके और व्यापार सुविधा के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाकर लगातार व्यापार घाटे को दूर करने का भी आह्वान किया। ये टिप्पणियां इसलिए अहम हैं, क्योंकि भारत के वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को चीन के दुर्लभ पृथ्वी चुम्बक और उर्वरक पर निर्यात प्रतिबंधों के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा है। चीन भी इस संगठन का सदस्य है।
एससीओ व्यापार मंत्रियों की बैठक में भारत ने निर्यात उपायों के दुरुपयोग पर आगाह किया