New Delhi : मौजूदा वित्त वर्ष में भारत ने 13,399 करोड़ रुपये के सैन्य उपस्करों का निर्यात किया

नयी दिल्ली : भारत ने चालू वित्त वर्ष में छह मार्च तक 13,399 करोड़ रुपये के सैन्य उपस्करों (हार्डवेयर) का निर्यात किया, जो 2017-18 के 4,682 करोड़ रुपये से काफी अधिक है।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सैन्य हार्डवेयर के वर्षवार निर्यात का ब्योरा दिया।

भट्ट ने कहा कि 2021-22 में कुल रक्षा निर्यात 12,815 करोड़ रुपये रहा, जबकि 2020-21 में यह 8,435 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9,116 करोड़ रुपये और 2018-19 में 10,746 करोड़ रुपये था।

उन्होंने बताया कि 2017-18 में यह राशि 4,682 करोड़ रुपये थी।

मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में छह मार्च तक रक्षा निर्यात का कुल मूल्य 13,399 करोड़ रुपये था।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए विभिन्न रक्षा वस्तुओं के स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। स्थानीय संसाधनों से बने स्वदेशी उत्पाद वैश्विक रूप से लागत प्रतिस्पर्धी हो जाते हैं और यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एमएसएमई के एकीकरण की सुविधा भी प्रदान करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डीआरडीओ द्वारा विकसित नई प्रौद्योगिकियों को नियमित रूप से बिना किसी शुल्क के उद्योगों को हस्तांतरित किया जाता है। उद्योगों को डीआरडीओ पेटेंट तक मुफ्त पहुंच दी जाती है।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में भट्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय की विभिन्न सेवाओं और संगठनों के प्रबंधन के तहत करीब 45,906 एकड़ रक्षा भूमि फिलहाल खाली पड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आयुध कारखाना बोर्ड के निगमीकरण के बाद 16 कारखानों में लगभग 3,152 एकड़ की अतिरिक्त भूमि की पहचान की गई है।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में भट्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न स्थानों पर रक्षा प्रतिष्ठान की परिधि के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र को 100 मीटर से घटाकर 50 मीटर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर प्रतिबंधित दूरी से संबंधित संचार में सूचीबद्ध नहीं किए गए स्थानों को अपरिवर्तित रखा गया है।

मंत्री ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र के भीतर निर्माण गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्थानीय सैन्य प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि विदेशी स्रोतों से रक्षा खरीद पर खर्च 2018-19 में कुल व्यय के 46 प्रतिशत से घटकर पिछले दिसंबर तक 36.7 प्रतिशत हो गया है।

भट्ट ने कहा कि 155 एमएम आर्टिलरी गन सिस्टम ‘धनुष’, हल्के लड़ाकू विमान तेजस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘आकाश’, मुख्य युद्धक टैंक ‘अर्जुन’, टी-90 टैंक, टी-72 टैंक और चीता हेलीकॉप्टर प्रमुख स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं में शामिल हैं।