नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली पुलिस और उप्र एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई ने बदमाश सोनू मटका को मुठभेड़ में मार गिराया। मटका ने फर्श बाजार में चाचा भतीजे की हत्या की थी। उसके बाद से ही पुलिस की टीमें सोनू मटका की तलाश में जुटी हुई थीं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये मुठभेड़ बागपत-मेरठ मार्ग पर हुई है। शनिवार तड़के दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम को सोनू मटका के मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र इलाके में होने की सूचना मिली थी। सूचना को पुख्ता कर टीम ने घेराबंदी की। आरोपित को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उसने पुलिस पर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से सोनू मटका घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सोनू मटका कुख्यात हासिम बाबा गैंग का शूटर था। उसके खिलाफ उप्र और दिल्ली में लूट और हत्या के छह केस दर्ज हैं।
उल्लेखनीय है कि दिवाली की रात फर्श बाजार थाना क्षेत्र के बिहारी कॉलोनी इलाके में दिवाली मना रहे 40 साल के एक शख्स और उसके 16 साल के भतीजे को बदमाशों ने गोली मार दी थी। इस हमले में आकाश शर्मा और उनके भतीजे ऋषभ शर्मा की मौत हो गई। आकाश शर्मा के बेटे ने बताया कि वो लोग अपने घर के बाहर दिवाली मना रहे थे तभी एक युवक वहां स्कूटी से पहुंचा। उसने पैर छूकर आकाश शर्मा से आशीर्वाद लिया। इसी दौरान उसके साथ आए दूसरे शख्स ने अचानक पिस्टल निकालकर आकाश पर गोली चला दी। उनके भतीजे ऋषभ ने पकड़ने की कोशिश की तो बदमाशों ने ऋषभ को भी गोली मार दी।
शुरुआती जांच में पता चला कि इस पूरे हत्याकांड को आकाश शर्मा के एक नाबालिग रिश्तेदार ने अंजाम दिया था। पैसे नहीं देने से नाराज नाबालिग रिश्तेदार ने आकाश शर्मा की हत्या करने के लिए शूटर सोनू मटका से संपर्क किया और उसे आकाश शर्मा की हत्या करवा दी।
पुलिस के अनुसार दिल्ली के करावल नगर के गोकुलपुरी इलाके में रहने वाला अनिल उर्फ सोनू मटका मूल रूप से उप्र के बागपत के छपरौली थाना क्षेत्र के शेरपुर लुहारा का रहने वाला था। दिल्ली एनसीआर में अपराध की दुनिया से सोनू मटका कई सालों से जुड़ा हुआ था। आठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद सोनू ने मोटर मैकेनिक का काम शुरू किया। 2014 में गाजियाबाद के लोनी में सोनू पर लूट और हत्या का पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम जमाने शुरू कर दिए इस बीच सोनू जेल भी गया।