New Delhi : नए आपराधिक कानून पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की चिंताओं को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया निराधार

0
305

नई दिल्ली : नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की चिंताओं को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निराधार बताया है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक नए आपराधिक कानून के तहत लापरवाही से मौत की सजा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106(1) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा लेकिन इस धारा के तहत चिकित्सा के दौरान एक पंजीकृत चिकित्सक की लापरवाही से किसी मरीज की मृत्यु होने पर जुर्माने के साथ दो साल की सजा हो सकती है।
मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति (चिकित्सकों सहित) द्वारा लापरवाही से मौत का कारण बनने पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 ए के तहत 2 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है।
मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जब दिसंबर, 2023 में आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) से बदलने का विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, तो लापरवाही के कारण होने वाली मौत को बीएनएस की धारा 106(1) के तहत 5 साल तक की कैद और जुर्माने से दंडनीय तय किया था। चिकित्सकों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए और बीएनएस, 2023 की उक्त धारा 106(1) में संशोधन किया गया ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि यदि चिकित्सा प्रक्रिया करते समय पंजीकृत चिकित्सा चिकित्सकों द्वारा लापरवाही हो जाती है तो उन्हें 2 साल के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।