spot_img
HomeUncategorizedNew Delhi : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीसीसीआई और साई को 'तंबाकू' और...

New Delhi : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीसीसीआई और साई को ‘तंबाकू’ और ‘गुटखे’ के विज्ञापन को बंद करने की दी सलाह, दोनों एजेंसियों को लिखा पत्र

नई दिल्ली : भारत में खेले जाने वाले अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों के दौरान अक्सर दिखाए जाने वाले ‘तंबाकू’ और ‘गुटखे’ के विज्ञापन को बंद किया जा सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीसीसीआई और भारतीय खेल प्राधिकरण(एसएआई) को चिट्ठी लिख कर तंबाकू औऱ गुटखे के विज्ञापन को बंद करने की सलाह दी है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) अतुल गोयल ने बीसीसीआई के अध्यक्ष रॉजर बिन्नी और साई के महानिदेशक संदीप प्रधान को पत्र लिखकर किसी भी रूप में तंबाकू विज्ञापन दिखाने से रोकना का आग्रह किया है। इसके साथ डीजीएचएस ने उन विज्ञापनों को बंद भी कराने पर ज़्यादा जोर दिया है जिसे किसी खिलाड़ी सेलिब्रिटी ने प्रमोट किया हो।

पत्र में लिखा गया है कि क्रिकेट मैच युवाओं के बीच काफी मशूहर हैं। खिलाड़ी समाज के लिए रोल मॉडल होते हैं, खासकर युवाओं के लिए, जो स्वस्थ, सक्रिय और उत्पादक जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं और यह देखना निराशाजनक है कि उनमें से कुछ लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू और संबंधित उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें सरोगेट धुआं रहित तंबाकू के विज्ञापन क्रिकेट मैचों के दौरान प्रदर्शित किए जा रहे हैं और सेलिब्रिटी का समर्थन मिल रहा है । इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता है कि खेल संस्थाएं भी तंबाकू के सेवन के खिलाफ आगे आएं और इसे रोकने के लिए कदम उठाएं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिए गए सुझावों में कहा है कि खेल प्राधिकरण खिलाड़ियों द्वारा तंबाकू और संबंधित उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष (सरोगेट) विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन को रोकने के लिए सकारात्मक उपाय कर सकता है। इसके साथ तंबाकू विरोधी रुचि घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना, एसएआई द्वारा आयोजित या भागीदारी वाले स्टेडियमों या कार्यक्रमों में प्रचार/विज्ञापन न करना, एसएआई के दायरे में आने वाले खिलाड़ियों को तंबाकू और संबंधित उत्पादों के प्रचार/भागीदारी/विज्ञापन को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करने का भी सुझाव दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक तम्बाकू का उपयोग गैर-संचारी रोगों जैसे हृदय रोग, कैंसर, क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह के लिए खतरनाक है। दुनिया भर में तम्बाकू से संबंधित मौतों में भारत दूसरे स्थान पर है, जहां हर साल लगभग 13.5 लाख रोके जा सकने वाली मौतें दर्ज की जाती हैं। इसके अलावा, तम्बाकू से संबंधित कैंसर भारत में सभी कैंसर का 33 प्रतिशत हिस्सा है, जिसमें पुरुषों में लगभग 50 प्रतिशत कैंसर और महिलाओं में 17 प्रतिशत कैंसर तम्बाकू के कारण होते हैं। सर्वेक्षणों से पता चला है कि भारत में तम्बाकू सेवन की शुरुआत की उम्र सात साल से भी कम है।

उल्लेखनीय है कि तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए, भारत सरकार ने 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) शुरू किया था जिसका उद्देश्य तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, सीओटीपीए 2003 और पीईसीए 2019 के तहत प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना, लोगों को तंबाकू का उपयोग छोड़ने में मदद करना, और डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑफ तंबाकू नियंत्रण द्वारा वकालत की गई तंबाकू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रणनीतियों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना था।

spot_imgspot_imgspot_img
इससे जुडी खबरें
spot_imgspot_imgspot_img

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर