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New Delhi : विवेक विहार बेबी केयर के मालिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग पहले भी दो मुकदमे दर्ज कर चुका है : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि विवेक विहार के जिस बेबी केयर सेंटर में शनिवार रात आग लगने से बच्चों की मौत हुई, उसके मालिक के खिलाफ पहले से ही दो मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा कड़कड़डूमा कोर्ट और दूसरा तीस हजारी कोर्ट में चल रहा है।

सौरभ भारद्वाज आज यहां बताया कि शनिवार को दिल्ली के विवेक विहार में स्थित एक बेबी केयर सेंटर में लगभग रात 11:30 बजे भीषण आग लगने का हादसा हुआ, जिसमें 7 मासूम बच्चों की जान चली गई। विभाग के अधिकारियों द्वारा मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि अगले दिन 26 मई की सुबह मीडिया के माध्यम से मुझे यह जानकारी मिली।

उन्होंने बताया कि यह जानकारी मिलने के बाद मैंने स्वास्थ्य सचिव को कई बारी फोन किया, कई मैसेज भी किये लेकिन ना तो उनसे मेरा संपर्क हो पाया और ना ही उनकी ओर से मैसेज का कोई जवाब आया तो मैं अकेले ही घटनास्थल पर मामले की जानकारी लेने पहुंचा। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग की एक आपातकाल बैठक बुलाई, जिसमें डीजीएचएस और स्पेशल सेक्रेट्री हेल्थ आदि बड़े अधिकारी मौजूद रहे।

भारद्वाज ने बताया कि बैठक के दौरान अधिकारियों ने इस नर्सिंग होम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम को 2021 से लेकर 2024 तक चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिली हुई थी और मार्च 2024 में वह समय अंतराल समाप्त हो गया था। फरवरी 2024 में इस नर्सिंग होम की ओर से रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया था लेकिन पर्याप्त कागजात न होने के कारण उनके रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नहीं किया गया था। अस्पताल प्रशासन को दस्तावेजों में आई कमी पूरी करने के लिए कहा गया था।

इस नर्सिंग होम से जुड़ी एक अहम जानकारी को साझा करते हुए भारद्वाज ने बताया कि इस नर्सिंग होम के जो मालिक हैं, वह इसी प्रकार का एक और नर्सिंग होम पश्चिम पुरी में भी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले भी इस नर्सिंग होम के मालिक के ऊपर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो अलग-अलग मामलों में दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम के मालिक पर एक मामला औचक निरीक्षण के दौरान कुछ कमियां पाई गई थीं, उस संबंध में चल रहा है। इसी प्रकार से इस अस्पताल के मालिक को बिना रजिस्ट्रेशन के एक अस्पताल चलाते हुए पकड़ा गया था, दूसरा मुकदमा उस मामले में चल रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इन मामलों में इस नर्सिंग होम के मालिक के खिलाफ अदालत का फैसला आएगा और उसे कड़ी सजा सुनाई जाएगी।

भारद्वाज ने आगे कहा कि एक नियम है कि 9 मीटर से कम ऊंचाई वाले अस्पताल को फायर एनओसी की आवश्यकता नहीं होती है। यही कारण है कि इस अस्पताल ने भी फायर एनओसी नहीं ली हुई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना को देखते हुए हमने यह निर्देश दिए हैं कि सभी अस्पताल चाहे वह एक मंजिला हो या दो मंजिला हो, सभी को आग से निपटने के सभी सुरक्षा इंतजाम अपने अस्पतालों में रखने होंगे।

उन्होंने कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी अस्पतालों में वाटर स्प्रिंकलर सिस्टम और ऑटोमेटिक स्मोक डिटेक्टर लगाए जाएं ताकि इस प्रकार की किसी भी घटना का अंदेशा होने पर तुरंत वॉटर स्प्रिंकलर सिस्टम द्वारा आग को बुझाया जा सके और किसी भी बड़ी दुर्घटना को होने से रोका जा सके।

दिल्ली में बढ़ती गर्मी को देखते हुए भारद्वाज ने कहा दिल्ली में गर्मी बहुत अधिक बढ़ती जा रही है, इस स्थिति को देखते हुए सभी अस्पतालों को एक एडवाइजरी पहले ही जारी की गई थी, उसी के साथ-साथ एक नई एडवाइजरी सभी अस्पतालों को जारी की जा रही है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए दिल्ली सरकार के सभी 26 अस्पतालों में दो-दो बेड और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में पांच बेड हीट वेव से पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं ।

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