नई दिल्ली : (New Delhi) हर घर तिरंगा- देशभक्ति फिल्म महोत्सव का तीन दिवसीय आयोजन (event of Har Ghar Tiranga- Patriotic Film Festival has started) आज से पूरे देश में शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के तहत इसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और पुणे (Delhi, Mumbai, Chennai and Pune) में आयोजित किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की है।
दिल्ली में इस आयोजन का शुभारंभ शहीद और स्वातंत्र्य वीर सावरकर (Shaheed and Swatantrya Veer Savarkar) पर आधारित फिल्मों के साथ हुआ, जिसे दर्शकों से अत्यधिक सराहना मिली। दिल्ली के अलावा मुंबई, चेन्नई और पुणे में आयोजित इस प्रोग्राम में केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों, कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों ने भाग लिया। दिल्ली में कपिल मिश्रा ने, मुंबई में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और अभिनेत्री श्रेया पिलगांवकर (Kapil Mishra attended the program in Delhi, Secretary of Ministry of Information and Broadcasting Sanjay Jaju and actress Shreya Pilgaonkar attended the program in Mumbai) कार्यक्रम में शामिल हुईं। इसके अलावा चेन्नई में फिल्म निर्माता वसंत, कोरियोग्राफर कला मास्टर और अभिनेत्री नमिता जैसी हस्तियां शामिल रहीं। पुणे में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय ने पूरे समारोह का सीधा प्रसारण प्रस्तुत किया।
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि सिनेमा में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को अमर बनाने और पीढ़ियों को प्रेरित करने की शक्ति है। हर घर तिरंगा, देशभक्ति फिल्म महोत्सव केवल सिनेमा का उत्सव नहीं है, बल्कि उस यात्रा की याद दिलाता है जिसने हमें स्वतंत्रता दिलाई।
तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देशभक्ति से ओतप्रोत और ऐतिहासिक महत्व की फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग की जा रही है। इनमें शहीद, स्वातंत्र्य वीर सावरकर, उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक, आरआरआर, तान्हाजी, मेजर, वीरपांडिया कट्टाबोम्मन, क्रांति, हकीकत, पराशक्ति और सात हिंदुस्तानी जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों के माध्यम से न केवल स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायकों के बलिदान को याद किया जा रहा है, बल्कि युवाओं को देश के इतिहास से जुड़ने की प्रेरणा भी दी जा रही है। साथ ही हमारा झंडा, लोकमान्य तिलक, तिलक और शहादत जैसे वृत्तचित्रों के माध्यम से दर्शकों को शैक्षिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा जा रहा है।
महोत्सव की एक और विशेषता एनएफएआई द्वारा पुनर्स्थापित चार क्लासिक फिल्मों- क्रांति, हकीकत, सात हिंदुस्तानी और शहीद की डिजिटल स्क्रीनिंग है। इन फिल्मों को उन्नत तकनीकों के माध्यम से संरक्षित कर नई पीढ़ी तक उसी प्रभाव के साथ पहुंचाया जा रहा है जैसा उनके मूल रूप में था। एनएफडीसी और एनएफएआई द्वारा किया गया यह प्रयास देश की समृद्ध (effort by NFDC and NFAI is an important step) सिनेमाई विरासत के संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम है।