New Delhi : जीएसटी सुधार से खनन क्षेत्र में आवास और लघु उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा

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नई दिल्‍ली : (New Delhi) खनन क्षेत्र से संबंधित वस्तुओं के लिए नई वस्‍तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) (GST) दरों और स्लैब का आवास उद्योग और लघु उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नई दरों के तहत मार्बल और ट्रैवर्टीन और ग्रेनाइट ब्लॉक पर अब 5 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर लगेगा, जबकि पहले यह दर 12 फीसदी थी।

खान मंत्रालय (Ministry of Mines) ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि जीएसटी दरों में कमी से आवास क्षेत्र को लाभ होगा, क्योंकि मार्बल और ग्रेनाइट का उपयोग आवास उद्योग में बड़े पैमाने पर होता है। ग्रेनाइट और मार्बल का खनन राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में होता है। सैंड लाइम ब्रिक्स या स्टोन इनले वर्क पर जीएसटी दरों में कमी से कम लागत वाले आवासों की निर्माण लागत, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में और कम करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा खान मंत्रालय से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी दरों की सिफारिशों के संदर्भ में देश के भीतर माल के मल्टी मॉडल परिवहन (multi-modal transportation) की आपूर्ति के लिए वस्तु एवं सेवा कर दरों को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी (प्रतिबंधित ऋण के साथ) करने से खनन और खनिज उद्योग, विशेष रूप से लौह अयस्क को लाभ होगा, जिसमें लंबी दूरी की आवाजाही शामिल है।

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की 56वीं बैठक में मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए जीएसटी की दरों में बदलाव और जीएसटी में व्यापार को सुगम बनाने के उपायों से संबंधित कई सिफारिशें की गईं हैं।