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New Delhi : सब्सक्रिप्शन के लिए खुला ग्रो का पब्लिक इश्यू, 12 नवंबर को होगी लिस्टिंग

नई दिल्ली : (New Delhi) स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो की पैरेंट कंपनी बिलियन ब्रेन्स गैराज वेंचर्स लिमिटेड (Billion Brains Garage Ventures Limited) का 6,632.30 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 7 नवंबर तक बोली लगाई जा सकेगी। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 10 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 11 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 12 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होंगे।

इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 95 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 150 शेयर का है। कंपनी के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 1 लॉट यानी 150 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 15,000 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 10.60 करोड़ नए शेयर जारी हो रहे हैं। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये भी 55.72 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी।

आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 3 नवंबर को कंपनी ने 100 से अधिक एंकर इनवेस्टर्स से 2,984.54 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इन एंकर इनवेस्टर्स को 100 रुपये प्रति शेयर की दर से 29.84 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किया गया है। जिन एंकर इनवेस्टर्स (Anchor investors) ने ग्रो के आईपीओ में बोली लगाई है, उनमें एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, सिंगापुर गवर्नमेंट, कोटक म्यूचुअल फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल, एसबीआई म्यूचुअल फंड, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, गोल्डमैन सैक्स, एक्सिस म्यूचुअल फंड, आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड, मिराए एसेट म्यूचुअल फंड, टाटा म्यूचुअल फंड, मॉर्गन स्टैनली, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

ग्रो के प्लेटफॉर्म (Groww’s platform) के जरिए म्यूचुअल फंड्स, शेयर, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंसस, इक्विटी ट्रेडेड फंड्स, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड और अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश किया जा सकता है। साल 2016 में शुरू हुए ग्रो प्लेटफॉर्म के पास फिलहाल 1.4 करोड़ से ज्यादा एक्टिव रिटेल इनवेस्टर हैं। इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए 75 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 10 प्रतिशत हिस्सा और नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए 15 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं, एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में लगातार उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 457.72 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जबकि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी को 805.45 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हो गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी की स्थिति में सुधार हुआ, जिसके कारण कंपनी को 1,824.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 378.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।

इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 1,260.96 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2,795.99 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 4,061.65 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 948.47 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।

इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर कोई कर्ज नहीं था। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी पर 24.06 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया, जो वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 351.99 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 324.08 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।

इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 4,445.63 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में घट कर 2,477.76 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 3,251.92 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 5,506.78 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह ईबीआईटीडीए (earnings before interest, taxes, depreciation, and amortization) 2022-23 में 398.78 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में गिर कर निगेटिव मार्किंग में 780.88 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 2,371.01 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 418.75 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

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