नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने बुधवार को निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भारत के निर्यात विकास को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि 29 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने की। बैठक का केन्द्र बिन्दु अधिक बाजार पहुंच के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का उपयोग करना, मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना, बाजार विविधीकरण का विस्तार करना तथा क्षेत्रीय तालमेल को मजबूत करना था।
बैठक में पीयूष गोयल ने व्यापार सुगमता और भारतीय निर्यातकों के लिए उन्नत वैश्विक बाजार पहुंच के सृजन के लिए चल रही पहलों के माध्यम से सुविधाजनक व्यापार को मजबूत करने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस बैठक में वाणिज्य विभाग, राजस्व विभाग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), निर्यात संवर्धन परिषदों और विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों (Department of Commerce, Department of Revenue, Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT), Export Promotion Councils, and various industry associations) ने भाग लिया। इस दौरान, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और वाणिज्य विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के दौरान किए गए प्रमुख सुधारों, निर्यात को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आगामी सुधार उपायों और इस अवधि के दौरान निर्यात प्रदर्शन पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
मंत्रालय ने बताया कि चर्चा में उद्योग जगत से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों, निर्यात विविधीकरण में उपलब्धियों तथा देश से निर्यात को और अधिक बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के विचारों और अपेक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में एफआईईओ, वस्त्र, परिधान, इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण, चिकित्सा उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, सेवाएं, ईपीसीएच, दूरसंचार, चमड़ा, सीआईआई, फिक्की, पीएचडीसीसीआई, एसआईएएम, एसोचैम और नैसकॉम जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने अनुकूल व्यापार वातावरण को बढ़ावा देने और भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार के अवसरों का विस्तार करने में केंद्रीय मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।



