नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे पर कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर आठ हाइवे परियोजनाओं को रद्द करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा है कि ये सभी ग्रीनफील्ड कॉरिडोर हैं और अगर एक पैकेज भी रद्द होता है तो पूरा कॉरिडोर बेकार हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पहले ही 104 किलोमीटर लंबी और 3,263 करोड़ रुपये की लागत वाले तीन राजमार्ग परियोजनाओं को भूमि की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए समाप्त कर दिया है। गडकरी ने यह पत्र गुरुवार काे लिखा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा। इसमें उन्हाेंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरती है तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) आठ और हाइवे प्रोजेक्ट रद्द कर देगा। जिसे एनएचएआई पंजाब में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे सहित कई ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड एनएच कॉरिडोर विकसित कर रहा है। इन प्रोजेक्ट की कुल लागत 14,288 करोड़ रुपये है। उन्होंने इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को भी उठाया है।
गडकरी ने अपने पत्र में कहा है कि यहां पर कार्यरत एनएचएआई अधिकारियों, ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर उन्हें चिंता है। उन्हाेंने यहां पर हुए हमलों की तस्वीरें भी संलग्न करते हुए प्राथमिकता के आधार पर इन्हें हल करने काे लेकर मान से इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्हाेंने पत्र में यह भी लिखा है कि जैसा उनके संज्ञान में है कि इस संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई है और स्थिति और खराब हो गई है।
उन्हाेंने अपने पत्र में अनुराेध किया है कि राज्य सरकार तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए। एफआईआर दर्ज करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। एनएचएआई अधिकारियों और रियायतग्राहियों के कर्मचारियों का विश्वास बहाल हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण से जुड़े लंबित मुद्दों और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने के कारण, कई ठेकेदार रियायतग्राहियों ने अनुबंधों को बंद करने का अनुरोध किया है और एनएचएआई के खिलाफ दावे उठाए हैं। गडकरी ने कहा कि अगर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरती है तो एनएचएआई के पास आठ और हाइवे प्रोजेक्ट रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।