नई दिल्ली : (New Delhi) सितंबर में घरेलू शेयर बाजार में जोरदार खरीदारी करने के बाद अक्टूबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पूरी तरह से बिकवाल (सेलर) की भूमिका में नजर आ रहे हैं। अक्टूबर में अभी तक सिर्फ तीन दिन ही कारोबार हुआ है। इन तीन दिनों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बिकवाली करके भारतीय शेयर बाजार से 27,142 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। माना जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में बढ़े तनाव, चीन के स्टॉक मार्केट में आए उछाल और कच्चे तेल की कीमत में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली की।
डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के अनुसार 01 से 04 अक्टूबर के बीच के तीन कारोबारी दिन (02 अक्टूबर को छुट्टी होने की वजह से कारोबार नहीं हुआ था) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक तरफा बिकवाली करते रहे। हालांकि इसके पहले सितंबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी का ये आंकड़ा शेयर बाजार में 9 महीने के मासिक विदेशी निवेश का सर्वोच्च स्तर था।
उल्लेखनीय कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 2 महीने अप्रैल और मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कुल मिलाकर 34,252 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। इसी तरह कैलेंडर ईयर 2024 के पहले महीने जनवरी में भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाल की भूमिका में बने रहे थे। यानी साल 2024 के 03 महीने जनवरी, अप्रैल और मई को छोड़ कर शेष 06 महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार लिवाल (बायर) की भूमिका में बने रहे हैं। पहले माना जा रहा था कि अक्टूबर में भी यही ट्रेंड जारी रह सकता है, लेकिन पहले चीन द्वारा जबरदस्त राहत पैकेज का ऐलान करने और फिर ईरान-इजरायल के तनाव की वजह से अक्टूबर की शुरुआत होते ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाल की भूमिका में आ गए हैं।
अगर भारत के डेट और बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेशकों की भूमिका की बात करें, तो अक्टूबर के पहले तीन कारोबारी दिन में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 900 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि इन तीन दिनों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने वॉलंटरी रिटेंशन रूट (वीआरआर) के जरिए 190 करोड़ रुपये का निवेश भी किया है।