New Delhi : ओल्ड राजेन्द्र नगर के कोचिंग सेंटर हादसे मामले में पांच और आरोपित गिरफ्तार

0
145

नई दिल्ली : (New Delhi) ओल्ड राजेन्द्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर हादसे मामले में पुलिस ने पांच और आरोपिताें को गिरफ्तार किया है। मध्य जिले के डीसीपी एम. हर्षवर्धन Central District DCP M. Harsh Vardhan ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि काेचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुई घटना के मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए लोगों में बेसमेंट का मालिक और एक व्यक्ति शामिल है, जिसने तेज रफ्तार में थार गाड़ी चलाई थी, जिससे इमारत के गेट को नुकसान पहुंचा था। पुलिस अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। डीसीपी का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है।

सोमवार को एमसीडी ने राजेंद्र नगर में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवाया। इस बीच एलजी वीके सक्सेना भी मौके पर पहुंचे। एलजी के पहुंचते ही छात्रों ने मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। नारेबाजी के बीच एलजी वापस लौट गए। इसके साथ ही राजेंद्र नगर हादसे मामले में करोल बाग जोन के वर्क्स विभाग में कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर विश्राम मिश्रा के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। इसके चलते करोल बाग जोन डीसी की ओर से उनको फिलहाल तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इससे संबंधित सूचना एडिशनल कमिश्नर करोल बाग जोन को भी भेज दी गई है।

एमसीडी कमिश्नर व दिल्ली सरकार के बड़े नेता को मौके पर बुलाने पर आज भी अड़े छात्र

शनिवार रात से लेकर अभी तक सैकड़ों की संख्या में कोचिंग कर रहे छात्रा इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने पुलिस व दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आज सुबह डीयू व जेएनयू से भी भारी संख्या में हाथों में तख्ती लेकर स्टूडेंट राजेन्द्र नगर पहुंचे।

स्टूडेंट्स ने कहा, जब रहेंगे ही नही जिंदा ताे कौन देखेगा सपना-

राजेंद्र नगर काेचिंग इंस्टिट्यूट में हुए हादसे के बाद बाहर लगातार छात्र विराेध कर रहे हैं। पुलिस ने बिल्डिंग को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया है और स्टूडेंट जो धरने पर बैठे हुए हैं, उनकाे लगातार समझाने की कोशिश कर रही है। स्टूडेंट का आरोप है कि जब तक उन्हें यह कंफर्म नहीं हो जाएगा की डेथ कितनी हुई है और मृतक के परिवार वालों को सही मुआवजा नहीं मिला, तब तक वह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। इनका आरोप है कि एमसीडी को क्या पहले पता नहीं था कि इस तरह की दिक्कतें यहां हो रही हैं। बेसमेंट में इस तरह से सब कुछ चल रहा है।

जब हादसा हो जाता है, जब जान चली जाती है तब वह जगते हैं। “जब हम ही नहीं रहेंगे जिंदा तो सपना कौन देखेगा” तीन-तीन लेयर का बेसमेंट बना हुआ है, जहां पर बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह भी पता चला है की 26 जून को एमसीडी में एक स्टूडेंट ने इसको लेकर शिकायत भी की थी कि उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी एमसीडी एक महीने बाद भी नहीं जागी।

उल्लेखनीय है कि एमसीडी ने इस मामले में 13 कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को सील कर दिया है और लगातार आगे भी छानबीन कर रही है।