नई दिल्ली : (New Delhi) प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ED) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Mysore Urban Development Authority) (MUDA) यानी मुदा घोटाला से जुड़े मामले में बेंगलुरु में 92 भूखंडों को अस्थायी रूप से जब्त किया है, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कहा कि इस घोटाले में मंगलवार को एक बयान में बताया कि अब तक जब्त की गई कुल संपत्तियों की राशि 400 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है। केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक यह ताजा कार्रवाई चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें अबतक 400 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि ये संपत्तियां हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटीज और व्यक्तियों जैसे संस्थाओं के नाम पर पंजीकृत हैं, जो मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों सहित प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए “मुखौटा या डमी” (“masks or dummies”) हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत लोकायुक्त पुलिस मैसूर द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में मुदा साइटों के आवंटन से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटाले का पता चला है। एजेंसी का दावा है कि फर्जी आवंटन करने के लिए वैधानिक प्रावधानों और सरकारी आदेशों या दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।