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New Delhi : ग्लोबल दबाव के कारण आईटी सेक्टर में मचा कोहराम, शिखर से 21 प्रतिशत तक टूट गया आईटी इंडेक्स

नई दिल्ली : (New Delhi) ग्लोबल मार्केट में बने दबाव के कारण घरेलू आईटी कंपनियों पर भी दबाव नजर आ रहा है। आज लगातार 5वें कारोबारी दिन आईटी इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ। आज आईटी इंडेक्स 188.15 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 36,122.50 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में यह सूचकांक करीब 350 अंक टूट कर 35960 अंक के तक पहुंच गया था। हालांकि बाद में टीसीएस के शेयरों में हुई खरीदारी के कारण इस सूचकांक की स्थिति में कुछ सुधार हो सका।

आज निफ्टी के आईटी इंडेक्स में शामिल 10 शेयरों में से सिर्फ टीसीएस 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहा। दूसरी ओर, कोफोर्ज 1.36 प्रतिशत, परसिस्टेंट 1.64 प्रतिशत, एलटी माइंडट्री 0.47 प्रतिशत, एम्फैसिस 0.68 प्रतिशत, इंफोसिस 0.74 प्रतिशत, एचसीएल टेक्नोलॉजी 0.56 प्रतिशत, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज 0.16 प्रतिशत, विप्रो 1.62 प्रतिशत और टेक महिंद्रा 0.02 प्रतिशत के गिरावट के साथ बंद हुए। लगातार 5 कारोबारी दिन से जारी इस गिरावट के कारण निफ्टी का आईटी इंडेक्स अपने शिखर से करीब 21 प्रतिशत से ज्यादा टूट कर बियर मार्केट जोन में चला गया है। इतना ही नहीं इस गिरावट की वजह से निफ्टी के आईटी इंडेक्स की मार्केट वैल्यू भी अपने सर्वोच्च स्तर से 8.40 लाख करोड़ रुपये कम हो चुकी है।

बाजार के आंकड़ों को देखें, तो पिछले कुछ दिन से जारी इस गिरावट के कारण आईटी इंडेक्स में शामिल 10 शेयरों में से 9 शेयर भी बियर मार्केट जोन में पहुंच गए हैं। इनमें सबसे अधिक नुकसान एलटी माइंडट्री के शेयर को हुआ है। इसके भाव में लगभग 34 प्रतिशत की गिरावट आ गई है। इसी तरह टीसीएस और इन्फोसिस जैसी बड़ी ब्लूचिप कंपनियों के शेयर के भाव में भी 24 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
आईटी इंडेक्स में शामिल 10 शेयरों में से सिर्फ विप्रो का शेयर बियर मार्केट जोन में जाने से बचा हुआ है। विप्रो का शेयर अपने सर्वोच्च स्तर से 17 प्रतिशत टूट चुका है। आधिकारिक तौर पर किसी भी शेयर में 20 प्रतिशत की गिरावट के बाद ही बियर मार्केट जोन की शुरुआत मानी जाती है। यही कारण है कि विप्रो के शेयर 17 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद अभी तक बियर मार्केट जोन में जाने से बचे हुए हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार टीसीएस के शेयरों में आई गिरावट की वजह से कंपनी के मार्केट वैल्यू में सर्वोच्च स्तर से अभी तक करीब 3.80 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है। इसी तरह इंफोसिस का मार्केट कैप भी लगभग 1.71 लाख करोड रुपये कम हो गया है। मार्केट कैप में गिरावट के मामले में एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज और कोफोर्ज पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ा है। एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज के मार्केट कैप में लगभग 15,000 करोड़ रुपये की और कोफोर्ज के मार्केट कैप में 16,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण बाजार में बनी अनिश्चितता और अमेरिका में मंदी आने की आशंका की वजह से भारतीय आईटी कंपनियां दबाव में आ गई हैं। घरेलू आईटी कंपनियां की आय का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी बाजार से ही आता है। ऐसे में अगर अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी का असर आईटी सेक्टर पर भी पड़ा, तो भारतीय कंपनियां कि आय काफी हद तक प्रभावित हो सकती है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी (Prashant Dhami)का कहना है कि अमेरिका में मंदी और टैरिफ वॉर की आशंका ने ग्लोबल बाजार को काफी हद तक प्रभावित किया है। इसकी वजह से पिछले एक महीने में नैस्डेक में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जिसका सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर भी पड़ा है।

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