New Delhi : फिल्म निर्माता करण जौहर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित

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नई दिल्ली: (New Delhi) दिल्ली उच्च न्यायालय (The Delhi High Court) ने फिल्म निर्माता करण जौहर के फोटो और व्यक्तित्व से जुड़ी किसी (filmmaker Karan Johar’s photographs and personal information) बात का बिना अनुमति इस्तेमाल नहीं करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस मनमीत प्रीतम अरोड़ा की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि वो विस्तृत आदेश जारी करेंगे।

जस्टिस अरोड़ा ने बुधवार काे सुनवाई के दौरान करण जौहर के वकील राजशेखर राव (Justice Arora told Karan Johar’s lawyer, Rajshekhar Ra) से कहा कि आपने इतने ज्यादा यूआरएल (वेब लिंक) दिए हैं कि वो परेशान हो गयी हैं। तब राव ने कहा कि वे कोर्ट की मदद ही कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान मेटा की ओर से वकील वरुण पाठक ने कहा (Varun Pathak, representing Meta) कि वे तकनीकी आपत्ति नहीं उठा रहे हैं, बल्कि जितने वेब लिंक दिए गए हैं। सभी करण जौहर से जुड़े हुए नहीं हैं। तब राव ने कहा कि करण जौहर को सार्वजनिक रुप से परेशान किया जा रहा है। राव ने कुछ पोस्ट पर किए गए कमेंट को पढ़ते हुए कहा कि लोग करण जौहर की सेक्सुअलिटी के बारे में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या करण जौहर को ये अधिकार नहीं है कि वो इन कमेंट करने वालों से अपनी रक्षा कर सके।

इसके पहले उच्च न्यायालय ने अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को (High Court had prohibited Abhishek Bachchan and Aishwarya Rai) उनके नाम, आवाज और तस्वीरों के साथ उनकी व्यक्तिगत चीजों के अनधिकृत रुप से इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय ने अभिषेक बच्चन की याचिका पर सनवाई करते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व से संबंधित किसी भी प्रतीक का इस्तेमाल उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है और इससे उसकी गरिमा के साथ जीने के अधिकार भी प्रभावित होते हैं। उच्च न्यायालय ने संबंधित यूआरएल (वेब लिंक) को हटाने का निर्देश दिया था, जो बिना अनुमति के अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व से जुड़ी किसी भी चीज का इस्तेमाल कर रहे थे। न्यायालय ने कहा था कि एआई और डीपफेक जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर उनके नाम और छवि का गलत उपयोग कर न केवल आर्थिक रुप से नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा, गरिमा और सद्भावना को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।