नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court)ने स्पाइस जेट की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें स्पाइस जेट ने अपने विमानों में लगे तीन इंजनों को उतारकर उन्हें 15 दिनों के अंदर इंजन कंपनियों को सौंपने के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर 20 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया।
आज स्पाइस जेट की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष आज ही सुनवाई करने की मांग की। सिब्बल ने कहा कि अगर तीन इंजनों को उतारने के आदेश का पालन किया जाएगा तो दो एयरक्राफ्ट को उतारकर उड़ानों को रद्द करना पड़ेगा। उन उड़ानों के टिकट बुक हो चुके हैं। इन एयरक्राफ्ट में रोजाना एक हजार यात्री यात्रा कर रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि आज सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि आज कई जज छुट्टी पर हैं। जजों को भी फाइल पढ़ने का समय दीजिए। उसके बाद कोर्ट ने याचिका पर 20 अगस्त को सुनवाई का आदेश दिया।
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की सिंगल बेंच ने 14 अगस्त को स्पाइस जेट को निर्देश दिया था कि वो दो दिनों के अंदर एयरलाइंस में लगे तीन इंजनों को उतारकर 15 दिनों के अंदर इंजन कंपनियों को सौंपे। सिंगल बेंच ने स्पाइस जेट को निर्देश दिया था कि वो इंजन सौंपने के पहले इंजन कंपनियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर कंपनियों के अधिकृत प्रतिनिधियों से उनकी जांच कराए। सुनवाई के दौरान इंजन कंपनियों ने कहा था कि स्पाइस जेट ने इस विवाद के समाधान के लिए दिया गया ऑफर स्वीकार्य नहीं था।
स्पाइस जेट ने जिन दो इंजन कंपनियों से इंजन लीज पर लिया था वे हैं ‘ टीम फ्रांस 01 एसएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएस’। इन दोनों इंजन कंपनियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इन कंपनियों का कहना था कि स्पाइस जेट ने उन्हें पिछले दो सालों से एक करोड़ 29 लाख डॉलर का भुगतान नहीं किया है। इसके अलावा लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद स्पाइस जेट इन कंपनियों के तीन इंजनों का इस्तेमाल कर रहा है। इन कंपनियों ने हाई कोर्ट से इन इंजनों का इस्तेमाल रोकने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की।