New Delhi: राज्यसभा में गतिरोध जारी, कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित

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New Delhi

नयी दिल्ली: (New Delhi) भारत के लोकतंत्र के बारे (London about India’s democracy) में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी की मांग और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की विपक्ष की मांग को लेकर शुक्रवार को भी राज्यसभा में गतिरोध बना रहा।

दोनों पक्षों के सदस्यों की ओर से शोर-शराबे और हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही शुरु होने के करीब 20 मिनट के भीतर अपराह्न ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका।

सुबह कार्यवाही शुरू होने पर, सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत, अडाणी समूह से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 14 नोटिस मिले हैं।

धनखड़ ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन, नीरज डांगी, रंजीत रंजन, के सी वेणुगोपाल और जेबी मेथर हाशेम सहित कुछ अन्य सदस्यों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं।

उन्होंने कहा कि इन नोटिस के जरिए, अडाणी समूह के खिलाफ लेखा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता सहित इसी से जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा की मांग की गई है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिया।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और राघव चड्ढा ने अडाणी समूह से जुड़ी कंपनियों से संबंधित अन्य मामलों पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था ।

सभापति धनखड़ ने कहा कि सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं और जब भी यह नियमों के अनुरूप होंगे, वह उस पर विचार करेंगे।

इसी बीच, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से माफी की मांग शुरु कर दी। उधर, कांग्रेस के सदस्य जेपीसी गठित करने की मांग करते हुए ‘‘मोदी-अडाणी भाई-भाई’’ के नारे लगाने लगे।

सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति धनखड़ ने उच्च सदन की बैठक 11 बजकर 20 बजे अपराह्न ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।

विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका।