नयी दिल्ली: (New Delhi) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक सदस्य ने कृषि क्षेत्र से जुड़े कामगारों के लिए पेंशन तथा अन्य सुविधाओं की मांग करते हुए कहा कि खेती में इन कामगारों का योगदान किसानों से कम नहीं होता है और इनके कल्याण के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए।शून्यकाल में माकपा सदस्य डॉ वी शिवदासन ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा ‘‘किसानों की हालत सर्वविदित है। वे कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र से जुड़े कामगारों की हालत भी अच्छी नहीं है। इन्हें न तो समुचित मजदूरी मिल पाती है और न ही अन्य सुविधाएं। खेती का मौसम न होने पर इनके पास कोई काम नहीं होता और ये आजीविका के संकट का सामना करते हैं।’’
शिवदासन ने कहा ‘‘कृषि के क्षेत्र में इन कामगारों का योगदान किसानों से कम नहीं होता लेकिन अक्सर ये अनदेखे रह जाते हैं। इनके कल्याण के लिए कोई योजना नहीं है। इनके और इनके परिवार के लिए स्वास्थ्य सुविधा तथा शिक्षा सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की सुध कौन लेगा?’’उन्होंने कहा कि कृषि कामगारों के लिए केरल में पेंशन की व्यवस्था है लेकिन अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कामगारों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए और अन्य कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाएं ताकि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा अन्य सुविधाएं मिल सकें। कृषि कामगारों के लिए हर जिले में विशेष स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था हो।’’
शिवदासन ने कहा कि मनरेगा की हालत भी ऐसी नहीं है कि यह कृषि कामगारों को समुचित राहत दे सके। उन्होंने मांग की कि मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाया जाए और राज्यों को भी कृषि कामगारों की मदद के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने के वास्ते समुचित धन राशि दी जाए।शून्यकाल में ही भाकपा सदस्य बिनय विश्वम ने मनरेगा से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बहुत ही अच्छी योजना है लेकिन सरकार इसे धीरे धीरे खत्म करती जा रही है।उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए बजट में केवल 60 हजार करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए हैं जो कि इसकी उपयोगिता को देखते हुए बहुत कम हैं।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से मनरेगा के कार्य दिवस बढ़ा कर 200 दिन करने की मांग, मजदूरी 217 रूपये से बढ़ाने की मांग की जा रही है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।भाजपा के इरण्ण कडाडी ने बेलगावी हवाई अड्डा से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस हवाई अड्डे से बड़ी संख्या में उड़ानें संचालित होती हैं। उन्होंने कहा कि यहां से उड़ान योजना के तहत तीन साल तक सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है।उन्होंने कहा ‘‘इस हवाई अड्डे से कुछ उड़ानें फिलहाल बंद हो गई हैं जो गैर-उड़ान योजना के मार्ग के अंतर्गत थीं। इन उड़ानों के बंद होने से लोगों को दिक्कत हो रही है।’’उन्होंने सरकार ने इस हवाई अड्डे से बंद उड़ानों को शुरू करने के लिए अपेक्षित कदम उठाने की मांग की।
भाजपा सदस्य राजेंद्र गहलोत ने राजस्थान में जनवरी माह के आखिर में हुई भारी बारिश और ओला वृष्टि से किसानों को हुए भारी नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा की वजह से अपनी पूरी फसल गंवा चुके इन किसानों को राज्य सरकार की ओर से अपेक्षित राहत नहीं मिली और उनके सामने अब आजीविका का संकट है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और राजस्थान के किसानों को फसल बीमा योजना के तहत तत्काल राहत देना चाहिए।द्रमुक सदस्य पी विल्सन ने टोल प्लाजा से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि इनके जरिये भारी पथकर संग्रह किया जाता है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए हर दिन खासा पथकर देना संभव नहीं होता लेकिन उन्हें देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो पूरे देश भर में टोल प्लाजा हटा दिए जाने चाहिए लेकिन अगर ऐसा नहीं हो सकता तो जहां जरूरत नहीं है, वहां से टोल प्लाजा हटा दिया जाना चाहिए। विल्सन ने कहा कि सड़क संबंधी अवसंरचना के निर्माण का बोझ आम आदमी पर नहीं डाला जाना चाहिए।केसी (एम) सदस्य जोस के मणि ने मछुआरों से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 2.8 करोड़ मछुआरे हैं लेकिन उनकी हालत अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि मछुआरों का जलीय संपदा पर परंपरागत अधिकार होता है लेकिन वे इससे वंचित हैं। मणि ने इसके लिए कानून बनाए जाने की मांग की।
कांग्रेस की जेबी माथेर हिशाम ने केरल में धान उगाने वाले किसानों से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता किसान होने चाहिए और केरल में किसानों का 580 करोड़ रुपया बकाया है जो उन्हें तत्काल दिया जाना चाहिए।द्रमुक सदस्य एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने भी लोक महत्व से जुड़ा अपना मुद्दा उठाया।