नई दिल्ली : (New Delhi) लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम् पर हुई विशेष चर्चा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) (BJP) पर इसे राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा कितनी भी कोशिश कर लें, पंडित नेहरू और कांग्रेस (Pandit Nehru and the Congress) के योगदान पर किसी भी तरह का दाग नहीं लग सकता।
गोगोई ने सदन में कहा कि वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत (Vande Mataram the status of national anthem) का दर्जा दिलाने का श्रेय कांग्रेस को जाता है। वंदे मातरम् का विरोध मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने किया था। उस समय मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) ने भी स्पष्ट किया था कि उन्हें इस गीत में कोई आपत्ति नहीं है। साल 1905 में कांग्रेस ने अपने अधिवेशन में निर्णय लिया कि जहां भी कार्यक्रम होंगे, वंदे मातरम् का उद्घोष किया जाएगा। यह कदम देशभर में इस गीत को लोकप्रिय बनाने और राष्ट्रगीत का दर्जा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण था।
गोगोई ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और सरला देवी चौधरानी (Bankim Chandra Chatterjee and Sarala Devi Chaudharani) के योगदान को याद करते हुए कहा कि बंकिम चंद्र ने वंदे मातरम् को बंगाल की पृष्ठभूमि में लिखा था, जबकि सरला देवी चौधरानी ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए संशोधन किया। उन्होंने कहा कि इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों को जोड़ने और अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा दी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 1905 में हुए बंगाल विभाजन के समय वंदे मातरम् ने देशवासियों को एकजुट किया। इस गीत ने क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर, खुदीराम बोस (Rabindranath Tagore, Khudiram Bose) और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने इस गीत की भावना को अपने आंदोलनों में अपनाया।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, बल्कि देशभक्ति, एकजुटता और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है। इसे सही संदर्भ में समझना और निभाना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह हमें याद दिलाता है कि देश की आज़ादी और एकजुटता के लिए हर पीढ़ी को अपनी भूमिका निभानी होगी। इसकी 150वीं वर्षगांठ पर इस गीत को याद करना केवल सम्मान का विषय नहीं, बल्कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।



