New Delhi : केंद्र ने इरेडा बॉन्ड को धारा 54ईसी के तहत कर लाभ का दर्जा दिया

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नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण करने वाली कंपनी भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (Indian Renewable Energy Development Agency Limited) (IREDA) के बॉन्ड को आयकर अधिनियम की धारा 54ईसी के तहत कर-बचत का दर्जा प्रदान किया है। ये अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो गई है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया कि वित्त मंत्रालय के अधीन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) (CBDT) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड द्वारा जारी बॉन्ड को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत ‘दीर्घकालिक निर्दिष्ट परिसंपत्ति’ के रूप में अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कम लागत पर धन जुटाने में सुविधा होगी तथा निवेशकों को पूंजीगत लाभ कर में छूट मिलेगी।

बॉन्ड धारक आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत कर छूट के पात्र

मंत्रालय के मुताबिक सीबीडीटी की अधिसूचना के अनुसार पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि को या उसके बाद आईआरईडीए द्वारा जारी किए गए बॉन्ड आयकर अधिनियम (Income Tax Act), 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत कर छूट के लिए पात्र होंगे, जो निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर में छूट प्रदान करता है। इन बॉन्ड से प्राप्त राशि का उपयोग विशेष रूप से उन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जाएगा, जो अपने परियोजना राजस्व के माध्यम से ऋण चुकाने में सक्षम हैं, और उन्हें ऋण चुकाने के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

बॉन्ड्स में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कर की बचत संभव

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि पात्र निवेशक एक वित्तीय वर्ष में इन बॉन्ड्स में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (long-term capital gains) (LTCG) पर कर बचा सकते हैं। इरेडा को निधियों की कम लागत का लाभ मिलेगा, जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है और बदले में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के तीव्र विकास को समर्थन प्रदान करेगा। मंत्रालय ने कहा कि इस पहल से कर-बचत साधनों की तलाश करने वाले निवेशकों की व्यापक भागीदारी आकर्षित होने और देश में नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण इको-सिस्टम (financing eco-system) को मजबूत करने की उम्मीद है।