नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) (पीएमएमएसवाई) के तहत राज्य में तालाबों और टैंकों में गहन (इंटेंसिव) जलकृषि सहित मात्स्यिकी और जलकृषि के विकास के लिए 559.10 करोड़ रुपये के केंद्रीय अंश के साथ 2398.72 करोड़ रुपये की कुल लागत पर आंध्र प्रदेश सरकार से प्राप्त प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। पीएमएमएसवाई के तहत आंध्र प्रदेश को तालाबों और टैंकों में गहन जलकृषि के लिए 197 इकाइयों को स्वीकृति दी गई है। इनमें मीठे पानी और खारे पानी, दोनों के लिए बायोफ्लोक तालाब कृषि और 2020-21 से 2024-25 के दौरान 63.97 करोड़ रुपये की लागत से री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम हैं। यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
मत्स्यपालन विभाग ने विगत चार वर्षों और वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार को जल कृषि के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए 559.10 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंश आवंटित किया है और राज्य सरकार द्वारा उपयोग किए गए केंद्रीय अंश के आधार पर 2020-21 से 2023-24 के दौरान 482.55 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंश जारी किया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने पीएमएमएसवाई के तहत 2024-25 के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार को जारी किए गए 38.00 करोड़ रुपये के मदर सैंक्शन में से 28.10 लाख रुपये का उपयोग किया है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि राज्य सरकार अधिसूचित जल क्षेत्रों में स्थित 10 एकड़ तक के क्षेत्र वाले सभी जलकृषि फार्मों को 1.50 रुपये प्रति यूनिट की रियायती दर पर बिजली की आपूर्ति कर रही है और अन्य सभी फार्मों को 3.86 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि 2018 से 2025 तक राज्य में 68134 एक्वा सर्विस कनेक्शनों को रियायती दर पर बिजली की आपूर्ति के लिए 4095.17 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई है।