नई दिल्ली : (New Delhi) आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड (Eyewear retailer Lenskart Solutions Limited) का 7,278.02 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 4 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 6 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 7 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 10 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं।
इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 382 रुपये से लेकर 402 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 37 शेयर का है। लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड (Lenskart Solutions Limited) के इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 1 लॉट यानी 37 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 14,874 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ के तहत 2 रुपये फेस वैल्यू वाले कुल 18,10,45,160 शेयर जारी हो रहे हैं। इनमें 2,150 करोड़ रुपये के 5,34,82,587 नए शेयर और 5,128.02 करोड़ रुपये के 12,75,62,573 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे जा रहे हैं।
आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 30 अक्टूबर गुरुवार को लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड ने 147 एंकर इनवेस्टर्स से 3,268.36 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सबसे बड़े इनवेस्टर रहे। इन तीनों एंकर इनवेस्टर्स ने कंपनी से अलग-अलग 12,43,755 शेयर खरीदे। इसके अलावा, जेपी मोर्गन इंडिया फंड, कंपैक्ट स्ट्रक्चर फंड, मोतीलाल ओसवाल डिजिटल इंडिया फंड (Motilal Oswal Digital India Fund) और व्हाइट ओक कैपिटल मल्टीकैप फंड जैसे प्रमुख नाम भी एंकर बुक में शामिल हुए हैं।
इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए 74.84 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 9.98 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए 14.97 प्रतिशत हिस्सा और एंप्लॉयीज के लिए 0.22 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 63.76 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 10.15 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी मुनाफे में आ गई। इस साल कंपनी को 297.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 61.17 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।
इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 3,927.97 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 5,609.87 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 7,009.28 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 1,946.10 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार कमी आई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 917.21 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 497.15 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में फिसल कर 345.94 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 335.48 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में ये 5,411.96 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 5,466.50 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 5,795 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 5,855.43 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
इसी तरह ईबीआईटीडीए (Earnings before Interest, Taxes, Depreciation and Amortization) 2022-23 में 259.71 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 672.09 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 971.06 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 336.63 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।


