New Delhi : मोनिका एल्कोबेव की सपाट एंट्री से मामूली फायदे में रहे आईपीओ निवेशक

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नई दिल्ली : (New Delhi) एल्कोहलिक बेवरेजेज का आयात करके भारत और पड़ोसी देशों में बिक्री करने वाली कंपनी मोनिका एल्कोबेव के शेयरों (Shares of Monica Alcobe) ने आज स्टॉक मार्केट में मामूली बढ़त के साथ एंट्री की। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 286 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म (BSE’s SME platform) पर सिर्फ 0.70 प्रतिशत प्रीमियम के साथ इसकी लिस्टिंग 288 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण शेयरों में तेजी का रुख बना, जिससे कंपनी के शेयर 289.50 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। हालांकि, बाद में मुनाफावसूली की वजह से ये शेयर 288 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह आज पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को करीब 0.70 प्रतिशत का मुनाफा हो सका।

मोनिका एल्कोबेव (Monica Alcobev) का 165.63 करोड़ रुपये का आईपीओ 16 से 18 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 4.08 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए रिजर्व पोर्शन 2.54 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए रिजर्व पोर्शन में 8.86 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.29 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 137.02 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 10 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए बेचे गए हैं। नए शेयरों के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्जों को चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 13.03 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 16.60 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 23.11 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 30 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 238.36 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।