काठमांडू : (Kathmandu) सरकारी जमीन घोटाला मामले में सांसद विनोद चौधरी (MP Vinod Chaudhary) ने गुरुवार सुबह केन्द्रीय जांच ब्यूरो(Central Bureau of Investigation)(सीआईबी) के दफ्तर पहुंच कर अपना बयान दर्ज कराया है। इसी जमीन घोटाला मामले में सांसद बिनोद चौधरी के एक भाई अरूण चौधरी को गिरफ्तार किया गया था जबकि दूसरे भाई बसन्त चौधरी से भी कल बुधवार को पांच घंटे तक पूछताछ की गई थी।
सरकारी जमीन घोटाला मामले में सांसद चौधरी को पिछले एक महीने में तीन बार समन भेज कर बयान के लिए बुलाया गया था लेकिन हर बार वह बयान देने से बचते रहे। सीआईबी के तीसरे समन का आज आखिरी दिन था। अगर आज शाम पांच बजे तक अगर वो बयान देने नहीं आते तो सीआईबी ने उनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर ली थी। पिछले 15 दिनों से उनके घर और दफ्तर पर पुलिस लगातार नजर बनाए हुई थी। सभी सीमा नाका और एयरपोर्ट पर उनके नाम का अलर्ट जारी कर दिया गया था। आखिर में जब सीआईबी ने उनकी गिरफ्तारी के लिए संसद के स्पीकर से अनुमति मांगी, तब जाकर वे बयान देने आज पहुंचे थे।
सांसद चौधरी ने आज सुबह 7 बजे ही सीआईबी हेडक्वार्टर पहुंच गए। इस मामले की जांच कर रहे सीआईबी अधिकारियों ने सांसद चौधरी से तीन घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद चौधरी को सरकारी वकील के दफ्तर ले जाकर वहां उनका बयान रिकार्ड कराया गया। उन पर सरकारी जमीन को पहले लीज पर लेने, फिर बाद में अपने परिवार के नाम पर कर लेने और उसी जमीन को बैंक में रख कर उस पर करोड़ों रुपये का लोन लेने का आरोप है।
सीआईबी को बयान देने के बाद सांसद विनोद चौधरी ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है लेकिन 16 वर्ष पुराने मामले में जबरन उनका नाम घसीट कर उनसे राजनीतिक प्रतिशोध लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वो एक प्रतिष्ठित बिजनेसमैन हैं और एक सांसद भी लेकिन जिस तरह से उनके मामले में मीडिया ट्रायल किया गया है, उससे देश में सभी उद्योग कारोबारियों का मनोबल कम हुआ है।