
ज्योति दुबे
नवी मुंबई : दो वर्षो से स्कूल बंद होने से शारीरिक गतिविधियों के बंद होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई का भी छात्रों पर खासा टेंशन नहीं था। इसका असर यह रहा कि बड़ी संख्या में स्कूली छात्र मोटापे के शिकार हो गए हैं। इसका खुलासा शिक्षको और डॉक्टरों के निरीक्षण में सामने आया है।
बतादे कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 और 2021-22 में वास्तविक रूप से स्कूल नहीं भर पाए थे। इस दौरान छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जा रही थी। सभी पढ़ाई मोबाइल पर थी। दो सालों से बगीचे और मैदान भी बंद थे। ऐसे में अधिकांश बच्चे व्यायाम या खेलने के लिए भी घर से बाहर नहीं निकल पाए। दिन भर घर में रहना, किसी भी समय खाना खाना और पढ़ाई के लिए मोबाइल पर बैठना बच्चों की दिनचर्या हो गई थी। इसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ा है। शिक्षको का मानना है कि छात्रों को घर में बैठे रहने से वे मोटे हो गए हैं। स्कूलों में आने के बाद अपनी कक्षाओं में जाने के लिए सीढियां चढ़नी पड़ती है। इसके साथ ही स्कूल के मैदान में खेलने से भी वजन कम होता है। साथ ही पढ़ाई का बोझा बढ़ने से भी बच्चों का बढ़ा वजन कम हो जाएगा।लेकिन यह दो वर्षो तक नहीं हुआ। जिसका असर उनके स्वस्थ पर पड़ा है। अब स्कूल शुरू होने पर वापस सुधार होने का अनुमान है।